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Maruti Suzuki Victoris : डिज़ाइन, दमदार परफॉर्मेंस और बेहतरीन टेक्नोलॉजी का संगम

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मारुति सुज़ुकी ने भारत में अपनी नई मिड-साइज़ SUV Victoris लॉन्च की है, जिसे कंपनी ने “Got It All” टैगलाइन के साथ पेश किया है। यह वो मॉडल है जो सुज़ुकी के ब्रेकेट में Brezza और Grand Vitara के बीच आता है, लेकिन विशेषताओं, तकनीक, सुरक्षा और शक्ति विकल्पों की वजह से यह कई मायनों में एक नया benchmark तैयार करता है। इस लेख में हम Victoris की पूरी समीक्षा करेंगे — डिज़ाइन से लेकर पुर्जा-पुर्जा, ताकत से लेकर मुकाबला — ताकि आप जान सकें कि यह SUV क्या-क्या पेश करती है और क्या सच में “Got It All” है।उत्पत्ति और बाजार स्थितिलॉन्च: Victoris का अनावरण 3 सितंबर 2025 को हुआ था, और यह मारुति सुज़ुकी की Arena डीलरशिप चैनल के तहत उपलब्ध होगी।सेगमेंट: यह SUV मिड-साइज़ सेगमेंट में आती है, जहाँ उपभोक्ता चाह रहे हैं कि एक कार सिर्फ दिखने में सुन्दर हो ही नहीं, बल्कि फीचर्स, सुरक्षा, माइलेज और आधुनिकता में भी बेहतरीन हो। Victoris इसी बदलाव की दिशा में है।उद्देश्य: कंपनी का लक्ष्य है कि यह मॉडल Hyundai Creta, Kia Seltos जैसे लोकप्रिय SUVs से टक्कर ले। उपभोक्ता की बदलती मांग — तकनीकी-झुकाव, कनेक्टिविटी, सुरक्षित अनुभव, ईंधन दक्षता आदि — को देखते हुए यह मॉडल तैयार किया गया है।डिज़ाइन और बाहरी विशेषताएँ (Exterior Features)Victoris की बाहरी डिजाइन आधुनिक और प्रगतिशील है। कुछ मुख्य बातें:आकार-माप (Dimensions): लंबाई लगभग 4,360 mm, चौड़ाई 1,795 mm, ऊँचाई 1,655 mm, और व्हीलबेस 2,600 mm।व्हील्स और टायर: 17-इंच alloy व्हील्स, टायर साइज 215/60 R17।लाइटिंग: LED projector हेडलैम्प्स, connected LED tail lamps।रूफ रेल्स, dual tone रंग विकल्प, aero-cut alloy wheels आदि जैसी विशेषताएँ डिज़ाइन को आकर्षक बनाती हैं।कलर ऑप्शंस: Victoris दस रंगों (10) में उपलब्ध है — सात monotone और तीन dual-tone विकल्पों के साथ।अंदरूनी डिज़ाइन और फीचर्स (Interior & Features)Victoris का इंटीरियर बहुत ही सोचा-समझा और प्रीमियम है:इंटीरियर थीम: ब्लैक-टोन और आइवरी-टोन का dual tone प्रेरित लेआउट, soft touch डैशबोर्ड, टेक्सचर्ड सीट upholstery, पियानो ब्लैक इंसर्ट्स।इन्फोटेनमेंट: 25.65 cm (लगभग 10.1 इंच) SmartPlay Pro X टचस्क्रीन, wireless Apple CarPlay और Android Auto, Alexa Auto voice AI, in-built ऐप स्टोर, OTA (Over the Air) updates।डिजिटल ड्राइवर क्लस्टर: 26.03 cm fully digital क्लस्टर, विभिन्न display modes।ऑडियो सिस्टम: Infinity by Harman 8-speaker system with Dolby Atmos 5.1 surround sound — इस से “थिएटर-ऑन-व्हील्स” जैसा अनुभव मिलता है।आराम और सुविधाएँ:  • वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें   • 8-वे पॉवर्ड ड्राइवर सीट   • पैनोरमिक सनरूफ   • वायरलेस चार्जिंग, Type-C ports, ambient lighting (64 रंगों तक)   • स्मार्ट पावर्ड टेलगेट, gesture control modesक्लाइमेट कंट्रोल और एयर गुणवत्ता: PM2.5 फिल्टर के साथ AQI display, auto-purify mode जैसी विशेषताएँ हैं, जो कि शहरों में प्रदूषण के हिसाब से ज़रूरी हैं।पावरट्रेन और माइलेज (Powertrain & Mileage)Victoris विभिन्न प्रकार की ईंधन/ड्राइवलाइन विकल्पों में आता है, जिससे उपभोक्ता अपनी ज़रूरत और प्राथमिकताओं के अनुसार चुन सकते हैं।विकल्पइंजन / तकनीकपावर & टॉर्कट्रांसमिशन विकल्पमाइलेज / प्रभाव1.5-लीटर पेट्रोल (माइल्ड-हाइब्रिड, K15C इंजन)1.5L Dual Jet Dual VVT पेट्रोल, Smart Hybrid सिस्टम~103 hp और 139 Nm टॉर्क5-स्पीड मैन्युअल (MT), 6-स्पीड ऑटोमैटिक (AT)MT में ~21.18 km/l, AT में ~21.06 km/lस्टॉन्ग-हाइब्रिड (Strong Hybrid + EV mode)लगभग 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन + इलेक्ट्रिक मोटर, e-CVT गियरबॉक्सकरीब 92.5 hp और 122 Nm टॉर्कe-CVT~28.65 km/l (Combined claim)पेट्रोल + S-CNG विकल्पवही 1.5L इंजन, लेकिन CNG मोड मेंशक्ति कम होती है (लगभग 87 hp) और टॉर्क भी कम; सटीक आंकड़ों में थोड़ी कमी हैमैन्युअल ट्रांसमिशन~27.02 km/kg CNG की माइलेजALLGRIP Select (4×4) विकल्प: कुछ वेरियंट्स में ऑल व्हील ड्राइव चुनने का विकल्प है, जिसमें ऑटो, स्नो, स्पोर्ट और लॉक ड्राइव मोड्स हैं। हिल डिसेंट कंट्रोल जैसी सुविधा भी है।ट्रांसमिशन: उपयुक्त ट्रांसमिशन विकल्प हैं — मैनुअल, ऑटोमैटिक और e-CVT (हाइब्रिड)।सुरक्षा (Safety)Safety की दृष्टि से Victoris ने कुछ नए मानक स्थापित किए हैं:5-Star Bharat NCAP रेटिंग: वयस्क एवं बाल सुरक्षा परीक्षणों में उच्च अंक प्राप्त किए गए।एयरबैग्स: सभी वेरियंट्स में 6 एयरबैग्स।Level-2 ADAS (Advanced Driver Assistance Systems):  • Adaptive Cruise Control  • Lane Keep Assist  • Automatic Emergency Braking  • Blind Spot Monitoring  • Rear Cross-Traffic Alert  • Curve Speed Reduction आदि जैसे फीचर्स शामिल हैं।दीगर सुरक्षा उपाय: ESP (Electronic Stability Program), ABS + EBD, Hill Hold Assist, TPMS (Tyre Pressure Monitoring System), 360‐degree camera system, all-wheel disc brakes, electronic parking brake के साथ brake-hold feature आदि।आराम, उपयोगिता और दैनिक जीवन में उपयोगबूट स्पेस: CNG संस्करणों में अंडर-बॉडी टैंक डिज़ाइन है, जिससे बूट स्पेस में कटौती नहीं होती।उपयोगी सुविधाएँ:  • स्मार्ट टेलगेट (पावरड + जेस्चर कंट्रोल)   • वेंटिलेशन, पॉवर एडजस्टेबल सीटें, और आगे-पीछे सहज movement के साथ सीटें   • वायरलेस चार्जिंग, USB Type-C पोर्ट्स आदि आधुनिक इलेक्ट्रोनिक कनेक्टिविटी सुविधाएँ   • PM2.5 फिल्टर और AQI डिस्प्ले जो कि एयर क्वॉलिटी सूचित करते हैं, उपयोगी विशेषताकनेक्टिविटी व स्मार्ट फीचर्स: Next-Gen Suzuki Connect के तहत बहुत से connected car फीचर्स, eCall, OTA अपडेट्स आदि प्रदान किए गए हैं।फायदे और संभावित कमियाँफायदेसुरक्षा में उच्च स्तर: 5-स्टार Bharat NCAP, ADAS जैसे फीचर्स।अलग-अलग पावरट्रेन विकल्प: पेट्रोल, हाइब्रिड, CNG, AWD विकल्प। ग्राहकों को अपनी ज़रूरत अनुसार चयन करने की आज़ादी।ईंधन की बचत: विशेष रूप से हाइब्रिड और CNG वेरिएंट्स में माइलेज बहुत अच्छी है।उच्च तकनीक और आधुनिक फीचर्स: इन्फोटेनमेंट, connectivity, ऑडियो सिस्टम, टेलगेट आदि।कम्फ़र्ट और उपयोगिता: बैग और सामान रख-रखाव की सुविधा, सीट्स आरामदायक, भीतर-बाहर का अनुभव प्रीमियम।संभावित चुनौतियाँ / कमियाँकीमत: ऐसे फीचर्स के साथ कीमत अपेक्षाकृत ऊँची हो सकती है; यदि कीमत बहुत अधिक हो जाए, तो प्रतियोगिता के दबाव में आ सकती है।मरम्मत व सेवा लागत: नई तकनीक (विशेष रूप से ADAS, hybrid components आदि) का रख-रखाव महँगा हो सकता है; spare parts की उपलब्धता और समय पर सेवा केंद्रों की पहुँच महत्वपूर्ण होगी।वज़न और ट्रैक्शन: AWD + भारी फीचर्स होने पर weight बढ़ सकता है, जिससे city ड्राइविंग और ईंधन खपत पर असर हो सकता है।माइलेज के वास्तविक आंकड़े: बाजार में वास्तविक माइलेज अक्सर क्लेम किए गए माइलेज से कम होती है; driving conditions, traffic, रख-रखाव, AC उपयोग आदि प्रभावित करेंगे।निष्कर्षमारुति सुज़ुकी Victoris एक ऐसी SUV है जो आधुनिक भारतीय उपभोक्ता की बदलती अपेक्षाएँ पहचानती है और उन्हें पूरा करने की कोशिश करती है। सुरक्षा, प्रयोगशाला-माप तकनीकी फीचर्स, ईंधन दक्षता, आराम, और उपयोगिता — लगभग हर पहलू पर यह कुछ न कुछ नया पेश करती है। यदि कंपनी कीमत, सेवा सुविधा, रख-रखाव इत्यादि क्षेत्रों में अच्छा संतुलन बनाए रखे, तो Victoris मिड-साइज़ SUV सेगमेंट में एक मजबूत विकल्प बन सकती है।क्या Victoris सच में “Got It All” है? यदि आप एक ऐसा वाहन चाहते हों जिसमें सुरक्षा, सुविधा, तकनीक और ईंधन की बचत सभी हों, तो Victoris इस दिशा में अच्छा कहे जा सकती है। लेकिन हर खरीदार को यह देखना होगा कि कौन सा वेरिएंट उसके लिए उपयुक्त होगा — AWD चाहिए या नहीं, हाइब्रिड चाहिए या सिर्फ पेट्रोल/CNG, फीचर्स की आवश्यकता कितनी है आदि। 

पंजाब

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हरियाणा

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चण्डीगढ़

राजनीती

Niti Aayog Meeting का बायकॉट, नहीं जाएंगे भगवान मान

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-- कल दिल्ली में होनी है Niti Aayog Meeting, भगवंत मान ने लिखी प्रधानमंत्री को चिट्ठी दी स्टेट हैडलाइंस चंडीगढ़।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दिल्ली में होने वाली कल Niti Aayog Meeting का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया है। नीति आयोग की इस मीटिंग में मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल होने के लिए नहीं जा रहे हैं। इस संबंध में भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखते हुए अवगत भी करवा दिया है कि इस तरह की मीटिंग में कोई भी मसला हल नहीं होता बल्कि सिर्फ फोटो सेशन करते हुए वापस भेज दिया जाता है l ऐसे में वह Niti Aayog Meeting में शामिल नहीं होंगेl अगर प्रधानमंत्री इस बात का भरोसा देते हैं कि पंजाब द्वारा उठाए जाने वाले मसलों पर मीटिंग में चर्चा होने के साथ-साथ उन्हें हल तरफ ले जाया जाएगा तो वह मीटिंग में शामिल हो सकते हैं परंतु किसी के फोटो सेशन में वह नहीं आएंगे। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पश्चात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नीति आयोग की मीटिंग का बायकाट करने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं। ऐसे में देश में एक नई परंपरा शुरू हो गई है कि अगर आपके सुनवाई नहीं होती है तो आप मीटिंग का बायकॉट करते हुए अपनी नाराजगी रख सकते हैं। यह भी पढ़े :- अरविन्द केजरीवाल ने भी किया बायकॉट अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भी Niti Aayog Meeting की मीटिंग का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया गया है l इस संबंध में अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री को दो पेज का पत्र भी लिखा गया है, जिसमें उन्होंने फेडरल सिस्टम को खत्म करने के साथ-साथ दिल्ली के मामलों में दखलंदाजी को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की है। पश्चिमी बंगाल और पंजाब के पश्चात अब दिल्ली द्वारा भी नीति आयोग की मीटिंग का बायकॉट करने का ऐलान करने के चलते अब इस मीटिंग में 3 राज्यों के मुख्यमंत्री भाग नहीं लेंगे l बताया जा रहा है कि इस बायकॉट की कड़ी में कई और भी राज्य शामिल हो सकते हैं l पलपल की खबरों पर अपडेट के लिए पेज को सब्सक्राईब करें व FACEBOOK और TWITER को फॉलो करें l

शिक्षा

New GST Rates : जीएसटी में बदलाव: क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा

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नए जीएसटी दरें : एक विस्तृत अध्ययनप्रस्तावनाभारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में कर प्रणाली (Tax System) हमेशा से जटिल और बहस का विषय रही है। वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax - GST) 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, ताकि “एक राष्ट्र, एक कर” (One Nation, One Tax) की नीति को वास्तविक रूप दिया जा सके। जीएसटी के आने से पहले अलग-अलग राज्यों और केंद्र द्वारा लगाए जाने वाले कई कर लागू होते थे, जिससे व्यवसायियों और उपभोक्ताओं दोनों को समस्याएँ होती थीं।वर्ष 2025 में सरकार ने फिर से नई जीएसटी दरों (New GST Rates) में बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य राजस्व वृद्धि, कर चोरी पर रोक, और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नई जीएसटी दरें क्या हैं, किन-किन क्षेत्रों में बदलाव हुए हैं, और इनका देश की अर्थव्यवस्था व आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।जीएसटी का संक्षिप्त इतिहासस्वतंत्रता के बाद कर प्रणाली – भारत में केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग प्रकार के कर लगाती थीं, जैसे एक्साइज ड्यूटी, वैट (VAT), सेवा कर (Service Tax) आदि।जीएसटी का प्रस्ताव – 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय जीएसटी पर चर्चा शुरू हुई।संविधान संशोधन – 2016 में संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पारित हुआ।लागू होना – 1 जुलाई 2017 को जीएसटी पूरे देश में लागू हुआ।जीएसटी परिषद (GST Council) – यह एक संवैधानिक संस्था है जो दरें तय करती है। इसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।जीएसटी दरों की मौलिक संरचनाजीएसटी में मुख्य रूप से चार दरें तय की गई हैं:5% – आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ।12% – सामान्य उपभोग की वस्तुएँ।18% – अधिकांश वस्तुएँ और सेवाएँ।28% – लक्ज़री और हानिकारक उत्पाद (जैसे कारें, तंबाकू, शराब आदि)।इसके अतिरिक्त कुछ वस्तुओं पर 0% (मुक्त) दर लागू है, जैसे अनाज, ताजे फल-सब्ज़ियाँ, दूध आदि।नई जीएसटी दरें (2025 के संशोधन)सरकार ने हाल ही में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में परिवर्तन किए हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से राजस्व संग्रह बढ़ाने और उपभोक्ता वस्तुओं को सस्ता करने के उद्देश्य से किए गए हैं।1. दैनिक उपभोग की वस्तुएँपैक की हुई दही, लस्सी और छाछ – पहले 12% जीएसटी लगता था, अब इसे 5% कर दिया गया है।पैक की हुई आटा, सूजी और मैदा – पहले 5%, अब 0% (मुक्त श्रेणी) में।2. इलेक्ट्रॉनिक्समोबाइल फोन और कंप्यूटर के पुर्ज़े – पहले 18% था, अब इसे 12% कर दिया गया है।LED टीवी (32 इंच तक) – पहले 18%, अब 12%।3. स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएँनिजी अस्पतालों में ₹5,000 तक का रूम रेंट – अब भी मुक्त।₹5,000 से ₹10,000 के बीच का रूम रेंट – पहले 18%, अब 12%।ऑनलाइन शिक्षा सेवाएँ – पहले 18%, अब 12%।4. ऑटोमोबाइल सेक्टरइलेक्ट्रिक वाहन (EV) – पहले 12%, अब 5%।हाइब्रिड वाहन – पहले 28%, अब 18%।पेट्रोल/डीजल कारें – दरों में कोई बदलाव नहीं, अब भी 28% + सेस।5. पर्यटन और होटल₹1,000 प्रति रात से कम किराए वाले होटल – मुक्त।₹1,000 से ₹7,500 प्रति रात तक – पहले 18%, अब 12%।₹7,500 से ऊपर – 18% यथावत।6. सेवाएँऑनलाइन गेमिंग – पहले अस्पष्ट स्थिति थी, अब इसे स्पष्ट रूप से 28% श्रेणी में रखा गया है।क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन शुल्क – पहली बार जीएसटी लागू, दर 18%।नई दरों का विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव1. आम जनता पर प्रभावदैनिक उपभोग की वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता को राहत मिलेगी।इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ थोड़ी सस्ती होंगी, जिससे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।होटल और पर्यटन उद्योग में सस्ती दरों से मध्यम वर्ग को लाभ होगा।2. व्यवसायियों पर प्रभावछोटे और मंझोले उद्योगों के लिए अनुपालन आसान होगा।इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री बढ़ने की संभावना।ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा।3. सरकार पर प्रभावराजस्व संग्रह बढ़ेगा क्योंकि नए क्षेत्रों (जैसे ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो) को कर जाल में लाया गया है।आवश्यक वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता का समर्थन मिलेगा।फायदेउपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर ज़रूरी वस्तुएँ मिलेंगी।इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा, जो पर्यावरण हितैषी कदम है।डिजिटल सेवाएँ (ऑनलाइन शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स) सस्ती होंगी।कर संरचना और स्पष्ट हो गई है।नुकसानऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो उद्योग पर नकारात्मक असर।लक्ज़री सेक्टर में निवेशक कम हो सकते हैं।राज्यों और केंद्र के बीच राजस्व बंटवारे में असहमति बढ़ सकती है।निष्कर्षनई जीएसटी दरें भारत की अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने का प्रयास हैं। जहाँ एक ओर आम जनता को दैनिक वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स में राहत मिली है, वहीं सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो जैसे नए क्षेत्रों को कर के दायरे में लाकर राजस्व बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।जीएसटी दरों में बदलाव समय-समय पर आवश्यक होते हैं ताकि देश की आर्थिक जरूरतों के साथ तालमेल बैठाया जा सके। उम्मीद है कि ये नए बदलाव उपभोक्ताओं, व्यवसायियों और सरकार — तीनों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे और भारत को "एक राष्ट्र, एक कर" की दिशा में और आगे ले जाएँगे। 

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New GST Rates : जीएसटी में बदलाव: क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा

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नए जीएसटी दरें : एक विस्तृत अध्ययनप्रस्तावनाभारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में कर प्रणाली (Tax System) हमेशा से जटिल और बहस का विषय रही है। वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax - GST) 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, ताकि “एक राष्ट्र, एक कर” (One Nation, One Tax) की नीति को वास्तविक रूप दिया जा सके। जीएसटी के आने से पहले अलग-अलग राज्यों और केंद्र द्वारा लगाए जाने वाले कई कर लागू होते थे, जिससे व्यवसायियों और उपभोक्ताओं दोनों को समस्याएँ होती थीं।वर्ष 2025 में सरकार ने फिर से नई जीएसटी दरों (New GST Rates) में बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य राजस्व वृद्धि, कर चोरी पर रोक, और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नई जीएसटी दरें क्या हैं, किन-किन क्षेत्रों में बदलाव हुए हैं, और इनका देश की अर्थव्यवस्था व आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।जीएसटी का संक्षिप्त इतिहासस्वतंत्रता के बाद कर प्रणाली – भारत में केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग प्रकार के कर लगाती थीं, जैसे एक्साइज ड्यूटी, वैट (VAT), सेवा कर (Service Tax) आदि।जीएसटी का प्रस्ताव – 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय जीएसटी पर चर्चा शुरू हुई।संविधान संशोधन – 2016 में संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पारित हुआ।लागू होना – 1 जुलाई 2017 को जीएसटी पूरे देश में लागू हुआ।जीएसटी परिषद (GST Council) – यह एक संवैधानिक संस्था है जो दरें तय करती है। इसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।जीएसटी दरों की मौलिक संरचनाजीएसटी में मुख्य रूप से चार दरें तय की गई हैं:5% – आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ।12% – सामान्य उपभोग की वस्तुएँ।18% – अधिकांश वस्तुएँ और सेवाएँ।28% – लक्ज़री और हानिकारक उत्पाद (जैसे कारें, तंबाकू, शराब आदि)।इसके अतिरिक्त कुछ वस्तुओं पर 0% (मुक्त) दर लागू है, जैसे अनाज, ताजे फल-सब्ज़ियाँ, दूध आदि।नई जीएसटी दरें (2025 के संशोधन)सरकार ने हाल ही में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में परिवर्तन किए हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से राजस्व संग्रह बढ़ाने और उपभोक्ता वस्तुओं को सस्ता करने के उद्देश्य से किए गए हैं।1. दैनिक उपभोग की वस्तुएँपैक की हुई दही, लस्सी और छाछ – पहले 12% जीएसटी लगता था, अब इसे 5% कर दिया गया है।पैक की हुई आटा, सूजी और मैदा – पहले 5%, अब 0% (मुक्त श्रेणी) में।2. इलेक्ट्रॉनिक्समोबाइल फोन और कंप्यूटर के पुर्ज़े – पहले 18% था, अब इसे 12% कर दिया गया है।LED टीवी (32 इंच तक) – पहले 18%, अब 12%।3. स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएँनिजी अस्पतालों में ₹5,000 तक का रूम रेंट – अब भी मुक्त।₹5,000 से ₹10,000 के बीच का रूम रेंट – पहले 18%, अब 12%।ऑनलाइन शिक्षा सेवाएँ – पहले 18%, अब 12%।4. ऑटोमोबाइल सेक्टरइलेक्ट्रिक वाहन (EV) – पहले 12%, अब 5%।हाइब्रिड वाहन – पहले 28%, अब 18%।पेट्रोल/डीजल कारें – दरों में कोई बदलाव नहीं, अब भी 28% + सेस।5. पर्यटन और होटल₹1,000 प्रति रात से कम किराए वाले होटल – मुक्त।₹1,000 से ₹7,500 प्रति रात तक – पहले 18%, अब 12%।₹7,500 से ऊपर – 18% यथावत।6. सेवाएँऑनलाइन गेमिंग – पहले अस्पष्ट स्थिति थी, अब इसे स्पष्ट रूप से 28% श्रेणी में रखा गया है।क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन शुल्क – पहली बार जीएसटी लागू, दर 18%।नई दरों का विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव1. आम जनता पर प्रभावदैनिक उपभोग की वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता को राहत मिलेगी।इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ थोड़ी सस्ती होंगी, जिससे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।होटल और पर्यटन उद्योग में सस्ती दरों से मध्यम वर्ग को लाभ होगा।2. व्यवसायियों पर प्रभावछोटे और मंझोले उद्योगों के लिए अनुपालन आसान होगा।इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री बढ़ने की संभावना।ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा।3. सरकार पर प्रभावराजस्व संग्रह बढ़ेगा क्योंकि नए क्षेत्रों (जैसे ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो) को कर जाल में लाया गया है।आवश्यक वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता का समर्थन मिलेगा।फायदेउपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर ज़रूरी वस्तुएँ मिलेंगी।इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा, जो पर्यावरण हितैषी कदम है।डिजिटल सेवाएँ (ऑनलाइन शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स) सस्ती होंगी।कर संरचना और स्पष्ट हो गई है।नुकसानऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो उद्योग पर नकारात्मक असर।लक्ज़री सेक्टर में निवेशक कम हो सकते हैं।राज्यों और केंद्र के बीच राजस्व बंटवारे में असहमति बढ़ सकती है।निष्कर्षनई जीएसटी दरें भारत की अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने का प्रयास हैं। जहाँ एक ओर आम जनता को दैनिक वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स में राहत मिली है, वहीं सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो जैसे नए क्षेत्रों को कर के दायरे में लाकर राजस्व बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।जीएसटी दरों में बदलाव समय-समय पर आवश्यक होते हैं ताकि देश की आर्थिक जरूरतों के साथ तालमेल बैठाया जा सके। उम्मीद है कि ये नए बदलाव उपभोक्ताओं, व्यवसायियों और सरकार — तीनों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे और भारत को "एक राष्ट्र, एक कर" की दिशा में और आगे ले जाएँगे। 

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