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Benefits of Ash Gourd Juice : पेठे का जूस अनेक बीमारियों का रामबाण इलाज

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के अद्भुत फायदे – Ash Gourd Juice Benefits in Hindiप्रकृति ने हमें ऐसे अनेक पौधे दिए हैं जो हमारे शरीर को भीतर से स्वस्थ और संतुलित रखते हैं। उन्हीं में से एक है पेठा (Ash Gourd) — जिसे हिंदी में सफेद कद्दू, पेठा या पका पेठा कहा जाता है। इसका रस न केवल शरीर को ठंडक पहुंचाता है बल्कि यह शरीर की अनेक बीमारियों का रामबाण इलाज भी है।आयुर्वेद में पेठे के रस को “सर्वरोग नाशक अमृत रस” कहा गया है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है, मानसिक शांति देता है, वजन घटाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।आज हम जानेंगे कि पेठे के रस को “नेचुरल कूलेंट” क्यों कहा जाता है और इसके नियमित सेवन से क्या-क्या फायदे होते हैं।1. पेठा क्या है? (What is Ash Gourd?)पेठा (Ash Gourd) एक बेल पर उगने वाली सब्जी है जो मुख्यतः भारत, चीन और दक्षिण एशिया में पाई जाती है। इसका आकार गोल या लंबा होता है, बाहरी छिलका हरा और अंदर का गूदा सफेद व रसदार होता है।इसे संस्कृत में “कुष्मांड” कहा गया है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, यह शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला, वात-पित्त संतुलित करने वाला और अनेक रोगों से बचाने वाला फल है।2. पेठे के रस की विशेषताएँ (Nutritional Value of Ash Gourd Juice)पेठे का रस पोषण से भरपूर होता है और इसमें पानी की मात्रा 95% से अधिक होती है।पोषक तत्वमात्रा (100ml में)लाभपानी (Water)95%शरीर में जल संतुलन बनाए रखता हैविटामिन Cपर्याप्तइम्यूनिटी बढ़ाता हैविटामिन B Complexमौजूदमेटाबॉलिज्म और ऊर्जा में मददकैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियममध्यम मात्राहड्डियों और खून के लिए उपयोगीफाइबर (Fiber)अच्छापाचन सुधारता हैएंटीऑक्सीडेंट्सउच्च मात्रा मेंत्वचा, बाल और सेल स्वास्थ्य के लिए लाभकारीयह एक लो-कैलोरी (Low Calorie) पेय है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है और शरीर को ठंडक भी मिलती है।3. पेठे के रस के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ (Major Health Benefits of Ash Gourd Juice)अब जानते हैं इसके प्रमुख और प्रमाणित 12 से अधिक अद्भुत फायदे जो इसे हर मौसम में एक जरूरी पेय बनाते हैं। (1) शरीर को ठंडक प्रदान करता है (Natural Body Coolant)पेठे का रस शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। गर्मियों में इसका सेवन शरीर की आंतरिक गर्मी (Body Heat) को कम करता है और लू, पसीना, चक्कर जैसे लक्षणों से बचाता है।यह पेट, लीवर और किडनी को ठंडक पहुंचाकर इन अंगों को स्वस्थ रखता है।(2) शरीर को डिटॉक्स करता है (Powerful Detoxifier)पेठे के रस में मौजूद प्राकृतिक एंजाइम्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं। यह लीवर को साफ करता है और शरीर में नई ऊर्जा लाता है।नेचुरोपैथी में इसे “Natural Detox Drink” कहा गया है। (3) पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है (Improves Digestion)पेठे के रस में मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है। यह कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है।अगर इसे सुबह खाली पेट लिया जाए, तो यह पेट को साफ करता है और पाचन क्रिया को सक्रिय करता है। (4) हृदय को स्वस्थ रखता है (Good for Heart)पेठे के रस में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है और ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है।इससे हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। (5) मानसिक शांति और एकाग्रता में सहायक (Calms Mind & Improves Focus)आयुर्वेद के अनुसार, पेठे का रस मस्तिष्क की गर्मी को कम करता है और मन को शांत बनाता है।योग साधक और ध्यान करने वाले लोग रोज सुबह पेठे का रस पीते हैं क्योंकि यह एकाग्रता (Concentration) और मानसिक स्थिरता (Mental Stability) बढ़ाता है। (6) मधुमेह में लाभकारी (Controls Diabetes)पेठे का रस ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। इसमें प्राकृतिक रूप से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने वाले तत्व होते हैं।डायबिटीज़ के रोगियों के लिए यह एक उत्कृष्ट औषधि के रूप में काम करता है। (7) वजन घटाने में सहायक (Helps in Weight Loss)पेठे का रस कम कैलोरी और उच्च जल मात्रा वाला पेय है। यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को गलाने में मदद करता है।रोज सुबह इसका सेवन करने से शरीर स्लिम और फिट रहता है। (8) त्वचा को निखारता है और चमक लाता है (Improves Skin Health)पेठे का रस विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो त्वचा से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।इससे स्किन में नेचुरल ग्लो आता है, मुंहासे कम होते हैं और झुर्रियां घटती हैं।कई लोग इसे चेहरे पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। (9) बालों के लिए लाभकारी (Promotes Hair Growth)पेठे के रस में मौजूद खनिज और विटामिन बालों की जड़ों को पोषण देते हैं।यह बालों के झड़ने को रोकता है और समय से पहले सफेद होने की समस्या को कम करता है। (10) कैंसर और संक्रमण से बचाव (Prevents Cancer & Infections)इस रस में फ्लेवोनॉइड्स और पॉलीफिनॉल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं।इससे कैंसर सेल्स की वृद्धि रुकती है और शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। (11) मूत्राशय और किडनी के लिए फायदेमंद (Good for Kidney & Urinary System)पेठे का रस पेशाब को साफ करता है और मूत्र संक्रमण से बचाता है। यह यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करता है और किडनी स्टोन के खतरे को कम करता है। (12) नींद में सुधार करता है (Improves Sleep)अगर रात को सोने से पहले पेठे का रस पिया जाए तो यह मस्तिष्क को शांत करता है और गहरी नींद में मदद करता है।यह नींद की कमी (Insomnia) से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है।4. घर पर पेठे का रस कैसे बनाएं (How to Make Ash Gourd Juice at Home)आवश्यक सामग्री:ताजा पेठा (Ash Gourd) – 250 ग्रामपानी – ½ कपनींबू का रस – 1 चम्मच (वैकल्पिक)शहद या काला नमक – स्वादानुसारविधि:पेठे को छीलकर बीच के बीज निकाल दें।टुकड़ों में काटकर मिक्सर में डालें और थोड़ा पानी मिलाकर पीस लें।अब इसे महीन कपड़े या छलनी से छान लें।चाहें तो इसमें नींबू या शहद मिलाकर पिएं।ताजा रस सुबह खाली पेट सेवन करें।ध्यान रखें: इसे लंबे समय तक स्टोर न करें। पेठे का रस ताजा ही पीना चाहिए क्योंकि 20–30 मिनट में इसके पोषक तत्व नष्ट होने लगते हैं।5. सेवन का सही समय और मात्रा (Best Time & Dosage)सुबह खाली पेट 100 से 150 मिली रस पीना सर्वोत्तम है।डायबिटीज़ या बीपी के मरीज डॉक्टर की सलाह से मात्रा तय करें।रस पीने के बाद 30 मिनट तक कुछ न खाएं।6. स्वाद बढ़ाने के लिए सुझाव (Taste Enhancement Tips)पेठे के रस का स्वाद थोड़ा फीका या हल्का कड़वा हो सकता है। स्वाद सुधारने के लिए:थोड़ा नींबू रस,शहद,या पुदीना रस मिलाया जा सकता है।इससे स्वाद बढ़ेगा और ताजगी भी मिलेगी।7. पेठे के रस से जुड़ी सावधानियाँ (Precautions)हालांकि पेठे का रस प्राकृतिक और सुरक्षित है, फिर भी कुछ सावधानियाँ ज़रूरी हैं:अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टी या पेट में ठंडक बढ़ सकती है।ठंड के मौसम में इसे सीमित मात्रा में ही पिएं।गर्भवती महिलाएँ या छोटे बच्चे सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।खाली पेट अत्यधिक ठंडा रस न पिएं।8. आयुर्वेदिक दृष्टि से पेठे का महत्व (Ayurvedic View)आयुर्वेद में पेठे को त्रिदोष नाशक बताया गया है — यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करता है।यह शरीर को ठंडक देता है, मन को शांत करता है, और “सत्त्व गुण” को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति के विचार और मन दोनों निर्मल रहते हैं।योग साधक और संन्यासी पेठे के रस को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हैं क्योंकि यह मन को स्थिर और शरीर को हल्का रखता है।9. आधुनिक चिकित्सा दृष्टिकोण (Scientific Research on Ash Gourd Juice)आधुनिक विज्ञान ने भी पेठे के रस के अनेक लाभ प्रमाणित किए हैं:इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं।ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखते हैं।इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण होते हैं।यह शरीर की इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है।कई रिसर्चों में यह पाया गया है कि पेठे का रस कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकता है और यकृत (Liver) को डिटॉक्स करता है।10. योग और नेचुरोपैथी में पेठे के रस का महत्वनेचुरोपैथी (Naturopathy) में पेठे के रस को “साइलेंट हीलर” कहा गया है।योगिक जीवनशैली अपनाने वाले लोग रोज सुबह इसका सेवन करते हैं क्योंकि यह शरीर को साफ करता है, ऊर्जा देता है और ध्यान (Meditation) की एकाग्रता बढ़ाता है।11. पेठे के रस के घरेलू उपयोग (Home Remedies Using Ash Gourd Juice)मुंहासे के लिए:पेठे का रस चेहरे पर लगाएं, यह त्वचा को ठंडक देता है और पिंपल्स कम करता है।बालों के झड़ने के लिए:रस को स्कैल्प पर लगाने से बाल मजबूत होते हैं।सिरदर्द या चक्कर:सुबह खाली पेट 50ml रस पीने से राहत मिलती है।एसिडिटी और जलन:ठंडा पेठा रस तुरंत राहत देता है।Conclusionपेठे का रस प्रकृति का दिया हुआ एक अनमोल वरदान है। यह शरीर को भीतर से ठंडक देता है, मन को शांत रखता है और अनेक रोगों को दूर करता है।यदि इसे रोजाना सुबह खाली पेट लिया जाए, तो यह एक प्राकृतिक औषधि और अमृत रस की तरह काम करता है।पेठे के रस का सेवन:पाचन सुधारे,शरीर को विषमुक्त करे,त्वचा निखारे,मन को शांत रखे, औरजीवन को लंबा और स्वस्थ बनाए। 

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चण्डीगढ़

राजनीती

Niti Aayog Meeting का बायकॉट, नहीं जाएंगे भगवान मान

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-- कल दिल्ली में होनी है Niti Aayog Meeting, भगवंत मान ने लिखी प्रधानमंत्री को चिट्ठी दी स्टेट हैडलाइंस चंडीगढ़।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दिल्ली में होने वाली कल Niti Aayog Meeting का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया है। नीति आयोग की इस मीटिंग में मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल होने के लिए नहीं जा रहे हैं। इस संबंध में भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखते हुए अवगत भी करवा दिया है कि इस तरह की मीटिंग में कोई भी मसला हल नहीं होता बल्कि सिर्फ फोटो सेशन करते हुए वापस भेज दिया जाता है l ऐसे में वह Niti Aayog Meeting में शामिल नहीं होंगेl अगर प्रधानमंत्री इस बात का भरोसा देते हैं कि पंजाब द्वारा उठाए जाने वाले मसलों पर मीटिंग में चर्चा होने के साथ-साथ उन्हें हल तरफ ले जाया जाएगा तो वह मीटिंग में शामिल हो सकते हैं परंतु किसी के फोटो सेशन में वह नहीं आएंगे। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पश्चात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नीति आयोग की मीटिंग का बायकाट करने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं। ऐसे में देश में एक नई परंपरा शुरू हो गई है कि अगर आपके सुनवाई नहीं होती है तो आप मीटिंग का बायकॉट करते हुए अपनी नाराजगी रख सकते हैं। यह भी पढ़े :- अरविन्द केजरीवाल ने भी किया बायकॉट अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भी Niti Aayog Meeting की मीटिंग का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया गया है l इस संबंध में अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री को दो पेज का पत्र भी लिखा गया है, जिसमें उन्होंने फेडरल सिस्टम को खत्म करने के साथ-साथ दिल्ली के मामलों में दखलंदाजी को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की है। पश्चिमी बंगाल और पंजाब के पश्चात अब दिल्ली द्वारा भी नीति आयोग की मीटिंग का बायकॉट करने का ऐलान करने के चलते अब इस मीटिंग में 3 राज्यों के मुख्यमंत्री भाग नहीं लेंगे l बताया जा रहा है कि इस बायकॉट की कड़ी में कई और भी राज्य शामिल हो सकते हैं l पलपल की खबरों पर अपडेट के लिए पेज को सब्सक्राईब करें व FACEBOOK और TWITER को फॉलो करें l

शिक्षा

New GST Rates : जीएसटी में बदलाव: क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा

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नए जीएसटी दरें : एक विस्तृत अध्ययनप्रस्तावनाभारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में कर प्रणाली (Tax System) हमेशा से जटिल और बहस का विषय रही है। वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax - GST) 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, ताकि “एक राष्ट्र, एक कर” (One Nation, One Tax) की नीति को वास्तविक रूप दिया जा सके। जीएसटी के आने से पहले अलग-अलग राज्यों और केंद्र द्वारा लगाए जाने वाले कई कर लागू होते थे, जिससे व्यवसायियों और उपभोक्ताओं दोनों को समस्याएँ होती थीं।वर्ष 2025 में सरकार ने फिर से नई जीएसटी दरों (New GST Rates) में बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य राजस्व वृद्धि, कर चोरी पर रोक, और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नई जीएसटी दरें क्या हैं, किन-किन क्षेत्रों में बदलाव हुए हैं, और इनका देश की अर्थव्यवस्था व आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।जीएसटी का संक्षिप्त इतिहासस्वतंत्रता के बाद कर प्रणाली – भारत में केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग प्रकार के कर लगाती थीं, जैसे एक्साइज ड्यूटी, वैट (VAT), सेवा कर (Service Tax) आदि।जीएसटी का प्रस्ताव – 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय जीएसटी पर चर्चा शुरू हुई।संविधान संशोधन – 2016 में संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पारित हुआ।लागू होना – 1 जुलाई 2017 को जीएसटी पूरे देश में लागू हुआ।जीएसटी परिषद (GST Council) – यह एक संवैधानिक संस्था है जो दरें तय करती है। इसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।जीएसटी दरों की मौलिक संरचनाजीएसटी में मुख्य रूप से चार दरें तय की गई हैं:5% – आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ।12% – सामान्य उपभोग की वस्तुएँ।18% – अधिकांश वस्तुएँ और सेवाएँ।28% – लक्ज़री और हानिकारक उत्पाद (जैसे कारें, तंबाकू, शराब आदि)।इसके अतिरिक्त कुछ वस्तुओं पर 0% (मुक्त) दर लागू है, जैसे अनाज, ताजे फल-सब्ज़ियाँ, दूध आदि।नई जीएसटी दरें (2025 के संशोधन)सरकार ने हाल ही में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में परिवर्तन किए हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से राजस्व संग्रह बढ़ाने और उपभोक्ता वस्तुओं को सस्ता करने के उद्देश्य से किए गए हैं।1. दैनिक उपभोग की वस्तुएँपैक की हुई दही, लस्सी और छाछ – पहले 12% जीएसटी लगता था, अब इसे 5% कर दिया गया है।पैक की हुई आटा, सूजी और मैदा – पहले 5%, अब 0% (मुक्त श्रेणी) में।2. इलेक्ट्रॉनिक्समोबाइल फोन और कंप्यूटर के पुर्ज़े – पहले 18% था, अब इसे 12% कर दिया गया है।LED टीवी (32 इंच तक) – पहले 18%, अब 12%।3. स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएँनिजी अस्पतालों में ₹5,000 तक का रूम रेंट – अब भी मुक्त।₹5,000 से ₹10,000 के बीच का रूम रेंट – पहले 18%, अब 12%।ऑनलाइन शिक्षा सेवाएँ – पहले 18%, अब 12%।4. ऑटोमोबाइल सेक्टरइलेक्ट्रिक वाहन (EV) – पहले 12%, अब 5%।हाइब्रिड वाहन – पहले 28%, अब 18%।पेट्रोल/डीजल कारें – दरों में कोई बदलाव नहीं, अब भी 28% + सेस।5. पर्यटन और होटल₹1,000 प्रति रात से कम किराए वाले होटल – मुक्त।₹1,000 से ₹7,500 प्रति रात तक – पहले 18%, अब 12%।₹7,500 से ऊपर – 18% यथावत।6. सेवाएँऑनलाइन गेमिंग – पहले अस्पष्ट स्थिति थी, अब इसे स्पष्ट रूप से 28% श्रेणी में रखा गया है।क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन शुल्क – पहली बार जीएसटी लागू, दर 18%।नई दरों का विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव1. आम जनता पर प्रभावदैनिक उपभोग की वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता को राहत मिलेगी।इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ थोड़ी सस्ती होंगी, जिससे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।होटल और पर्यटन उद्योग में सस्ती दरों से मध्यम वर्ग को लाभ होगा।2. व्यवसायियों पर प्रभावछोटे और मंझोले उद्योगों के लिए अनुपालन आसान होगा।इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री बढ़ने की संभावना।ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा।3. सरकार पर प्रभावराजस्व संग्रह बढ़ेगा क्योंकि नए क्षेत्रों (जैसे ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो) को कर जाल में लाया गया है।आवश्यक वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता का समर्थन मिलेगा।फायदेउपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर ज़रूरी वस्तुएँ मिलेंगी।इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा, जो पर्यावरण हितैषी कदम है।डिजिटल सेवाएँ (ऑनलाइन शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स) सस्ती होंगी।कर संरचना और स्पष्ट हो गई है।नुकसानऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो उद्योग पर नकारात्मक असर।लक्ज़री सेक्टर में निवेशक कम हो सकते हैं।राज्यों और केंद्र के बीच राजस्व बंटवारे में असहमति बढ़ सकती है।निष्कर्षनई जीएसटी दरें भारत की अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने का प्रयास हैं। जहाँ एक ओर आम जनता को दैनिक वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स में राहत मिली है, वहीं सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो जैसे नए क्षेत्रों को कर के दायरे में लाकर राजस्व बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।जीएसटी दरों में बदलाव समय-समय पर आवश्यक होते हैं ताकि देश की आर्थिक जरूरतों के साथ तालमेल बैठाया जा सके। उम्मीद है कि ये नए बदलाव उपभोक्ताओं, व्यवसायियों और सरकार — तीनों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे और भारत को "एक राष्ट्र, एक कर" की दिशा में और आगे ले जाएँगे। 

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New GST Rates : जीएसटी में बदलाव: क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा

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नए जीएसटी दरें : एक विस्तृत अध्ययनप्रस्तावनाभारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में कर प्रणाली (Tax System) हमेशा से जटिल और बहस का विषय रही है। वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax - GST) 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, ताकि “एक राष्ट्र, एक कर” (One Nation, One Tax) की नीति को वास्तविक रूप दिया जा सके। जीएसटी के आने से पहले अलग-अलग राज्यों और केंद्र द्वारा लगाए जाने वाले कई कर लागू होते थे, जिससे व्यवसायियों और उपभोक्ताओं दोनों को समस्याएँ होती थीं।वर्ष 2025 में सरकार ने फिर से नई जीएसटी दरों (New GST Rates) में बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य राजस्व वृद्धि, कर चोरी पर रोक, और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नई जीएसटी दरें क्या हैं, किन-किन क्षेत्रों में बदलाव हुए हैं, और इनका देश की अर्थव्यवस्था व आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।जीएसटी का संक्षिप्त इतिहासस्वतंत्रता के बाद कर प्रणाली – भारत में केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग प्रकार के कर लगाती थीं, जैसे एक्साइज ड्यूटी, वैट (VAT), सेवा कर (Service Tax) आदि।जीएसटी का प्रस्ताव – 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय जीएसटी पर चर्चा शुरू हुई।संविधान संशोधन – 2016 में संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पारित हुआ।लागू होना – 1 जुलाई 2017 को जीएसटी पूरे देश में लागू हुआ।जीएसटी परिषद (GST Council) – यह एक संवैधानिक संस्था है जो दरें तय करती है। इसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।जीएसटी दरों की मौलिक संरचनाजीएसटी में मुख्य रूप से चार दरें तय की गई हैं:5% – आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ।12% – सामान्य उपभोग की वस्तुएँ।18% – अधिकांश वस्तुएँ और सेवाएँ।28% – लक्ज़री और हानिकारक उत्पाद (जैसे कारें, तंबाकू, शराब आदि)।इसके अतिरिक्त कुछ वस्तुओं पर 0% (मुक्त) दर लागू है, जैसे अनाज, ताजे फल-सब्ज़ियाँ, दूध आदि।नई जीएसटी दरें (2025 के संशोधन)सरकार ने हाल ही में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में परिवर्तन किए हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से राजस्व संग्रह बढ़ाने और उपभोक्ता वस्तुओं को सस्ता करने के उद्देश्य से किए गए हैं।1. दैनिक उपभोग की वस्तुएँपैक की हुई दही, लस्सी और छाछ – पहले 12% जीएसटी लगता था, अब इसे 5% कर दिया गया है।पैक की हुई आटा, सूजी और मैदा – पहले 5%, अब 0% (मुक्त श्रेणी) में।2. इलेक्ट्रॉनिक्समोबाइल फोन और कंप्यूटर के पुर्ज़े – पहले 18% था, अब इसे 12% कर दिया गया है।LED टीवी (32 इंच तक) – पहले 18%, अब 12%।3. स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएँनिजी अस्पतालों में ₹5,000 तक का रूम रेंट – अब भी मुक्त।₹5,000 से ₹10,000 के बीच का रूम रेंट – पहले 18%, अब 12%।ऑनलाइन शिक्षा सेवाएँ – पहले 18%, अब 12%।4. ऑटोमोबाइल सेक्टरइलेक्ट्रिक वाहन (EV) – पहले 12%, अब 5%।हाइब्रिड वाहन – पहले 28%, अब 18%।पेट्रोल/डीजल कारें – दरों में कोई बदलाव नहीं, अब भी 28% + सेस।5. पर्यटन और होटल₹1,000 प्रति रात से कम किराए वाले होटल – मुक्त।₹1,000 से ₹7,500 प्रति रात तक – पहले 18%, अब 12%।₹7,500 से ऊपर – 18% यथावत।6. सेवाएँऑनलाइन गेमिंग – पहले अस्पष्ट स्थिति थी, अब इसे स्पष्ट रूप से 28% श्रेणी में रखा गया है।क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन शुल्क – पहली बार जीएसटी लागू, दर 18%।नई दरों का विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव1. आम जनता पर प्रभावदैनिक उपभोग की वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता को राहत मिलेगी।इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ थोड़ी सस्ती होंगी, जिससे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।होटल और पर्यटन उद्योग में सस्ती दरों से मध्यम वर्ग को लाभ होगा।2. व्यवसायियों पर प्रभावछोटे और मंझोले उद्योगों के लिए अनुपालन आसान होगा।इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री बढ़ने की संभावना।ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा।3. सरकार पर प्रभावराजस्व संग्रह बढ़ेगा क्योंकि नए क्षेत्रों (जैसे ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो) को कर जाल में लाया गया है।आवश्यक वस्तुओं पर कर कम होने से आम जनता का समर्थन मिलेगा।फायदेउपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर ज़रूरी वस्तुएँ मिलेंगी।इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा, जो पर्यावरण हितैषी कदम है।डिजिटल सेवाएँ (ऑनलाइन शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स) सस्ती होंगी।कर संरचना और स्पष्ट हो गई है।नुकसानऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो उद्योग पर नकारात्मक असर।लक्ज़री सेक्टर में निवेशक कम हो सकते हैं।राज्यों और केंद्र के बीच राजस्व बंटवारे में असहमति बढ़ सकती है।निष्कर्षनई जीएसटी दरें भारत की अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने का प्रयास हैं। जहाँ एक ओर आम जनता को दैनिक वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स में राहत मिली है, वहीं सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो जैसे नए क्षेत्रों को कर के दायरे में लाकर राजस्व बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।जीएसटी दरों में बदलाव समय-समय पर आवश्यक होते हैं ताकि देश की आर्थिक जरूरतों के साथ तालमेल बैठाया जा सके। उम्मीद है कि ये नए बदलाव उपभोक्ताओं, व्यवसायियों और सरकार — तीनों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे और भारत को "एक राष्ट्र, एक कर" की दिशा में और आगे ले जाएँगे। 

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