Side Effects of Earphones in Hindi: भागदौड़ भरी जिन्दगी में अपने शरीर का ध्यान रखना ही भूल जाते हैं। शरीर की पांचो इंद्रियां बहुत ही जरूरी रोल अदा करते है। अगर किसी भी एक इंद्री को कुछ हो जाए तो हमें असुविधा होने लगती है। आजकल लोगों में इयरफोंस का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है, जिसे वह गाना सुनने से लेकर मूवी, वीडियो देखने, बात करने या फिर ऑफिस की मीटिंग आदि को अटेंड करने के लिए बहुत ही आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं। वैसे तो आज यह जरूरी भी बन गया है।
क्योंकि हर कोई अपना फोन कान में नहीं लगाता है और इसके अलावा यह आसपास के शोर शराबे से बचने में भी इंसान की मदद करता है। यह भी दो तरह के आते हैं एक वायरलेस और वायर वाला, पर आजकल लोगों में वायरलेस इअर्फोंस का ट्रेंड ज्यादा चला हुआ है। जो भी व्यक्ति इनका इस्तेमाल लगातार करता रहता है उसका उनके कानों पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। हम यह सोच सकते हैं कि अगर वह बिना तार के कनेक्ट हो रहे हैं तो उसमें कितने ज्यादा रेडिएशन होंगे जो हमारे दिमाग पर कितना असर डाल सकते हैं और हमारे शरीर के संतुलन को भी बिगाड़ सकते हैं।
क्योंकि हम जब इयरफोंस लगाते हैं तो गाने और ऑडियो की आवाज और वाइब्रेशन इतनी तेज होती है कि यह हमारे कान के परदे पर दबाव बना देती है। जिसकी वजह से हमारी नसे सूजने लगती हैं और हमारे सुनने की क्षमता भी कम होने लगती है। जिसकी वजह से व्यक्ति समय से पहले ही बहरा होने लगता है। आज इस आर्टिकल में हम इयरफोंस के ज्यादा उपयोग के कारण होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में बताने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए इसे पूरा ध्यान से पढ़े।
Side Effects of Earphones in Hindi: माइग्रेन की समस्या
अध्ययन के अनुसार यह बताया जाता है कि थोड़े समय के लिए तो इयरफोंस कान में अच्छे लगते हैं और हमें आसपास के शोर से बचाए रखते हैं। परंतु यदि हम इसका प्रयोग ज्यादा मात्रा में कर लें तो ईयर फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन हमारे दिमाग पर बहुत ज्यादा बुरा असर डाल सकती हैं। जिसके चलते हमारे सिर में दर्द शुरू होने लग जाता है और कई बार लोगों को माइग्रेन की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से डॉक्टर भी कम से कम इयरफोंस यूज़ करने की सलाह देते हैं। यह तरंगे मनुष्य की नींद पर भी बहुत गहरा असर डालती है जिसके कारण उनकी नींद में भी कमी आने लगती है। Side Effects of Earphones in Hindi
इंफेक्शन का डर
जानकारी के अनुसार अगर कोई व्यक्ति लगातार कानों में इयरफोन लगाए रखता है तो इससे उसके कानों में मैल जमने लगती है कि जिसे म्यूकस भी बोला जाता है। यह कान के परदे पर जाकर चिपक जाती है, जिसके कारण से इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है और कई अन्य संक्रमण वाली खतरा बीमारियां को भी एक नया आमंत्रण मिल जाता है। कान की इन्फेक्शन हमारे सुनने की क्षमता पर भी बहुत गहरा असर डाल सकते हैं। Side Effects of Earphones in Hindi
अनवांटेड स्ट्रेस का प्रभाव
इअरफोन और हेडफोंस के लगातार इस्तेमाल से मनुष्य के शरीर में बहुत ज्यादा तनाव उत्पन्न होने लगता है। क्योंकि इसमें जो इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन होती हैं। वह हमारे शरीर के हर अंग पर असर डालती है। चाहे वह दिमाग हो या आंखे। जिससे वियक्ति का मूड भी बदलने लगता है और चिड़चिड़ापन आने लगता है। इसके अतिरिक्त यह मनुष्य में तनाव को भी जन्म देता है। जिसके कारण उसे एंजाइटी और डिप्रेशन आदि प्रॉब्लम होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर का यह भी कहना है कि यदि आदमी मानसिक तौर पर स्ट्रांग या स्ट्रेस फ्री नहीं होगा तो यह उसके फिजिकल लाइफ पर भी बहुत ज्यादा असर दिखा सकते हैं। इसके कारण से उसकी फिजिकल हेल्थ भी डाउन हो सकती है। Side Effects of Earphones in Hindi
बहरेपन का खतरा
अध्ययन के अनुसार यह पाया जाता है कि हमारे कान के लिए सिर्फ 20 hertz जितने वॉल्यूम सुनना ही अच्छा होता है। परंतु लोग इन बातों को बिल्कुल भी फॉलो नहीं करते हैं और बिल्कुल हाई वॉल्यूम पर लंबे-लंबे समय तक कानों में इयरफोंस लगाए रखते हैं जिससे उनके कान के पर्दों और नसों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है और उनके बहरे होने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है और उनके सुनने की क्षमता 45 से 50 डेसिमल तक कम हो सकती है।
कानों में दर्द
खराब फिटिंग वाले और तेज आवाज पर सुनने के कारण इयरफोंस हमारे कानों की सेहत पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। जिससे मनुष्य के लिए बहुत ज्यादा असुविधा खड़ी हो जाती है। तेज आवाज के कारण उनके कानों में सिटी की आवाज आने लगती है। जिससे उनके कान के परदे पर खिचाव पड़ने लगता है और सुनने में काफी कठिनाई आने लग जाती है।
दिल को नुकसान
अध्ययन के अनुसार यह पाया जाता है कि तेज आवाज से हमारे दिल और दिमाग को बहुत असर पड़ सकता है। जिसके कारण से पुराने लोग भी बच्चों को तेज आवाज में कुछ भी गाने वगैरा सुनने से दूर रखते थे और आवाज़ को हमेशा धीमा रखते थे परंतु आजकल इयरफोंस आ जाने के कारण लोगों की यह आदत बिल्कुल छूट ही गई है, जिसका हमारे दिल पर बहुत असर पड़ता है और हमारी हार्टबीट भी बहुत जल्दी से तेज हो जाती है। इसकी वजह से भी कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक के खतरे और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं।
इस आर्टिकल में जानकारी सामान्य रूप से दी गयी है। इसलिए इसे मानने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से जरुर सलाह ले। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी बात की कोई भी पुष्टि नहीं करता है।
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