Rheumatoid Arthritis in Hindi: आजकल गलत खानपान और केमिकल युक्त पदार्थो की वजह से लोगों को अक्सर कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जिनका उन्होंने पहले कभी नाम भी नहीं सुना होता। उन्ही में से एक है रूमेटाइड अर्थराइटिस। यह गठिया जैसी ही बीमारी होती है जिसमें व्यक्ति के शरीर में सूजन आने लगती है और जोड़ों का दर्द भी काफी बढ़ जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें हमारे शरीर की जो प्रतिरक्षा प्रणाली होती है वाही हमारे शरीर के कुछ जरूरी कोशिकाओ पर हमला कर देती है, जिसके कारण से व्यक्ति के शरीर का जो भी हिस्सा प्रभावित होता है उसमें सूजन, दर्द की स्थिति पैदा हो जाती है। जानकारी के अनुसार पता चलता है कि यह समस्या अधिकतर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है।
यह बीमारी अक्सर लोगों को 40 से 60 उम्र की बीच में होने की संभावना रहती है। यदि हम देखें तो इसका सबसे अधिक प्रभाव हमारे हाथों, घुटनों या एड़ियों आदि पर पड़ता है, परंतु यह शरीर के अन्य अंगों जैसे कि दिल, आंखें, फेफड़े, पाचन तंत्र को भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है। इस बीमारी को ठीक करना आसान नहीं होता और यह ठीक होने में भी काफी लंबा समय लेती है। अध्ययन के अनुसार यह भी पाया जाता है कि यदि किसी माता-पिता को यह बीमारी हो तो आगे चलकर उनके बच्चे में यह बीमारी आने की संभावना काफी बढ़ जाती है। आज इस आर्टिकल में हम रूमेटाइड अर्थराइटिस के कुछ लक्षण, कारणों और रोकथाम के कुछ नुस्खे बताने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें।
Rheumatoid Arthritis in Hindi: रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण
उम्र
इस बीमारी का प्रभाव वैसे तो सब पर पड़ सकता है। परंतु 60 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में इस बीमारी के होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है, इसलिए उम्र इस बीमारी के जनम लेने का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। Rheumatoid Arthritis in Hindi
लिंग
इसका दूसरा बड़ा कारण हो सकता है जेंडर। इसका मतलब यह है की पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी अधिक देखी जाती है और वह भी खास तौर पर जिन महिलाओं ने किसी भी बच्चे को जन्म नहीं दिया हो उनमें यह होने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। Rheumatoid Arthritis in Hindi
स्मोकिंग
सिगरेट का सेवन तो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता ही है क्योकि इसमें कई ऐसे केमिकल मोजूद होते है जो व्यक्ति की जान को भी जोखिम में डाल सकते है। परंतु इसके साथ-साथ इसका सेवन हमारे शरीर में रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी खतरनाक बीमारी को भी जन्म दे सकता है। Rheumatoid Arthritis in Hindi
जेनेटिक्स
अगला सबसे बड़ा कारण है जेनेटिक्स। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति के माता-पिता को रुमेतोइड अर्थराइटिस की बीमारी है तो उसके आगे होने वाले बच्चों में भी इस बीमारी के पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण
इस बीमारी के लक्षण व्यक्ति को पहले ही अपने शरीर में महसूस होने लग जाते हैं, जिसके कारण उसे काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। यह लक्षण है:-
- थकावट
- आंखें सूखना
- वजन का कम होना
- कमजोरी आना
- बुखार चढ़ना
- भूख का कम लगना
- जोड़ों का दर्द
- हृदय और किडनी पर असर
रूमेटाइड अर्थराइटिस का घरेलू इलाज
संतरे का प्रयोग
अध्ययन के अनुसार पाया जाता है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण हमारे शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। संतरे में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कि हमारे शरीर में कोलोजिन की मात्रा को बढ़ाता है। जिसके कारण व्यक्ति की तवचा सवास्थ बनती है। इसलिए यदि कोई भी व्यक्ति रुमेतोइड अर्थराइटिस से पीड़ित है और घर में ही इसका बहुत ही अच्छा इलाज करना चाहता है तो वह रोजाना संतरे का सेवन करके घुटनों के दर्द को कम करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में इसका प्रयोग कर सकता है। जिससे उसे काफी अच्छे रिजल्ट से देखने को मिल सकते हैं। Rheumatoid Arthritis in Hindi
घी का सेवन
तेल का प्रयोग हमारे शरीर में बहुत सी बीमारियों को जन्म दे सकता है। इसलिए रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीज को डॉक्टर हमेशा ही तेल का कम सेवन करने के लिए कहते हैं, परंतु यदि व्यक्ति ने तेल और घी का सेवन करना ही है तो वह रिफाइंड तेल की जगह ओलिव ऑयल या गाय के दूध से तैयार देसी घी का प्रयोग कर सकता है। जिससे उसके शरीर को कोई भी नुकसान नहीं होगा, क्योंकि इनमें फैटी एसिड के गुण पाए जाते हैं जो कि हमारे जोड़ो में ग्रीस की कमी नहीं होने देते। जिसके कारण से व्यक्ति के घुटने सही तरीके से काम करते रहते हैं उनमें दर्द की भी शिकायत नहीं आती। Rheumatoid Arthritis in Hindi
दूध का उपभोग
पुराने समय से ही लोग दूध का प्रयोग अपने शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए करते आ रहे है। इसलिए डॉक्टर हमेशा ही व्यक्ति को दूध पीने की सलाह देते हैं जिससे उनके शरीर में कैल्शियम की कमी ना हो और उन्हें किसी भी प्रकार के दांतों और जोड़ों की समस्या ना आए। क्योंकि जब हमारे शरीर में कैल्शियम की मात्रा जरूरत से कम हो जाती है तो हमारे दांतों और घुटनों में बहुत ही ज्यादा कमजोरी आ जाती हैं, जिसके कारण से उनमें काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए दूध का नियमित सेवन व्यक्ति को रूमेटाइड अर्थराइटिस की खतरनाक बीमारी से निवारण पाने में बहुत ही मदद कर सकता है। Rheumatoid Arthritis in Hindi
Fatty Acid का भरपूर सेवन
विशेषज्ञों का कहना है की फैटी एसिड से भरपूर चीजो का सेवन व्यक्ति को रुमेतोइड आर्थराइटिस जैसी बीमारी से छुटकारा पाने में काफी सहायता कर सकता है। इसलिए जो भी व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है तो वह अलसी के बीज, अखरोट आदि जो ओमेगा 3 फैटी एसिड से युक्त होते है को अपनी डाइट में शामिल कर सकता है। और इसका नियमित प्रयोग व्यक्ति को काफी अच्छे रिजल्ट्स दिखाने में अपना पूरा योगदान डाल सकता है।
इस आर्टिकल में जानकारी सामान्य रूप से दी गई है। इसलिए इस पर अमल करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर सलाह ले। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी बात भी कोई पुष्टि नहीं करता है।
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