Muscular Dystrophy in Hindi: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी हमारी हड्डियां और मांसपेशियों में समूह में होने वाली एक बीमारी होती है। जिसके कारण से हमारी मांसपेशियां सही ढंग से विकास नहीं कर पाती है और बहुत ही कमजोर और पतली रह जाती है। इस समस्या के पीछे मुख्य कारण यह होता है कि हमारे शरीर में जो Genes मौजूद होते हैं वह कई कारणों की वजह से असामान्य तरीके से परिवर्तन करते रहते हैं, जिसके कारण से हमारी मांसपेशियों को सही ढंग से प्रोटीन नहीं मिल पाता है और वह सही तरीके से वृद्धि नहीं कर पाता। इसीलिए ही आयुर्वेद हमेशा कहता है कि शरीर में पोषक तत्व जैसे कि प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, जिंक, आयरन की पूर्ति ही हमारे शरीर के सभी अंगों को तंदुरुस्त बना सकती है। Muscular Dystrophy in Hindi
इसी बीमारी के कारण व्यक्ति को चलने-फिरने में बहुत ही ज्यादा मुश्किल आ जाती है और इसका प्रभाव व्यक्ति के विकसित अंगों पर भी पड़ता है क्योंकि उन्हें काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग देखने को मिलते हैं, क्योंकि कई बार व्यक्ति के किसी अंग की मांसपेशियां कमजोर रह जाती है और किसी के कोई अन्य अंग की। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के बहुत से प्रकार होते हैं। Muscular Dystrophy in Hindi
इसके अतिरिक्त इस समस्या के लक्षण व्यक्ति को बचपन में ही दिखनें शुरू हो जाते हैं। मिली जानकारी के अनुसार यह भी पता चलता है कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का कोई इलाज नहीं है परंतु कुछ दवाइयों और उपचारों के साथ इसकी तीव्रता को बढ़ने में थोड़ी रोकथाम लगाई जा सकती है। आज इस आर्टिकल में हम मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कुछ लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बताने की कोशिश कर रहे है। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें।
Muscular Dystrophy in Hindi: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लक्षण
Muscular डिस्ट्रॉफी के बहुत से प्रकार होते हैं। इससे पीड़ित हर व्यक्ति के शरीर में इसके लक्षण अलग ही दिखाई देते हैं और उनका प्रभाव भी उन पर अलग ही देखने को मिलता है। इसका प्रभाव उम्र के हिसाब से भी पड़ता है और किसी जरूरी तत्व की कमी के कारण भी पड़ता है। इसके चलते व्यक्ति में दिखने वाले कुछ लक्षण है:-
- लेटने या बैठने में दिक्कत
- नजर का कमजोर होना
- कद का ना बढ़ पाना
- दिमागी तौर पर कमजोरकमजोर
- तीव्रता से वजन का कम होना
- मांसपेशियों और हड्डियों में अकड़न और दर्द होना
- बार-बार गिरना
- लड़खड़ा कर चलना
- दौड़ने या कूदने में परेशानी आना
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के पीछे बहुत से कारण हो सकते है, परंतु इनमें से सबसे मुख्य कारण है हमारे शरीर में मौजूद जेनेटिक्स। जिनका हमारे शरीर के विकास और सभी क्रियाओं पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जब हमारे बॉडी में मौजूद Genes बिना किसी कारण के असामान्य रूप से परिवर्तन लेते रहते हैं तो यह हमारे शरीर की कोशिकाओं को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे हमारे शरीर में मांसपेशियों को सही ढंग से प्रोटीन की मात्रा नहीं प्राप्त होती है, जो कि हमारे मसल्स और कोशिकाओं के विकास के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है। Muscular Dystrophy in Hindi
क्योंकि इनके बिना हमारे शरीर में किसी भी हड्डि यां मांसपेशी का विकास संभव ही नहीं है। यह Genes बच्चों में पहले से ही मौजूद भी हो सकते हैं या माता के गर्भ से भी उन्हे प्राप्त हो सकते हैं। हर तरह की मस्कुलर डिस्ट्रॉफी Genes के परिवर्तन से ही होती है। इसका प्रभाव सभी तरह के लोगों को पड़ता है चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। यदि किसी व्यक्ति को पहले ही मस्कुलर् डिस्ट्रॉफी की समस्या है तो यह आगे चलकर उसके परिवार में भी ट्रांसफर हो सकती हैं। इसका मतलब यह है कि उनके आगे आने वाली पीढ़ि या उनके बच्चों में भी इस बीमारी के होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। Muscular Dystrophy in Hindi
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का इलाज
इस बीमारी का वैसे तो कोई भी पुख्ता इलाज नहीं है, परंतु दवाई और अन्य उपचारों से इसकी गति को धीमा करने में सहायता प्राप्त हो सकती है। इसके इलाज में यह चीजें शामिल है:-
मेडिकेशन
अध्ययन के अनुसार पाया जाता है की मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या मांसपेशियों में होने वाली कमजोरी की समस्या का कोई भी इलाज नहीं है। इसलिए इसे मेडिकेशन और दवाइयां के सहारे ही रोकने का प्रयास किया जा सकता है। इस समस्या में Carticosteroid मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में और उसके विकास में भी थोड़ा योगदान डाल सकता है। इसकी अतिरिक्त Etelirsen साल्ट के इंजेक्शन को भी इसकी दवा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जो की Genes के असंतुलित परिवर्तन में रोकथाम लगा सकता है। Muscular Dystrophy in Hindi
थेरेपी
आजकल फिजियोथैरेपी ने अपना हर क्षेत्र में काफी ज्यादा असर दिखाया हुआ है। इसलिए मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की समस्या को भी फिजियोथैरेपी में मौजूद एक्सरसाइज के सहारे ठीक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त स्ट्रेचिंग और अन्य योगासन जिसके द्वारा हमारे मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है के नियमित प्रयोग से भी इसकी रोकथाम में कुछ फायदा मिल सकता है। Muscular Dystrophy in Hindi
ऑपरेशन
चिकित्सा के अनुसार अंत में थेरेपी और दवाइयां जब असर करना व्यक्ति पर बंद कर देती है तो ऑपरेशन ही एक उपाय बच जाता है, जिसका व्यक्ति के शरीर पर कभी-कभी बुरा असर भी पड़ सकता है। इसमें व्यक्ति की हृदय की समस्याएं, निगलने में कठिनाई, मोतियाबिंद आदि समस्याओं का इलाज सर्जिकल प्रक्रियाओं द्वारा किया जाता है जिससे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की समस्या से व्यक्ति को आराम आ सके। Muscular Dystrophy in Hindi
इस आर्टिकल में जानकारी सामान्य रूप से दी गई है। इसलिए इस पर अमल करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर सलाह ले। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी बात भी कोई पुष्टि नहीं करता है।
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