Himachal Landslide की पिछले 2 सालो में घटनायो में 6 गुना हुई बढोतरी
दी स्टेट हेडलाइंस
हिमाचल।
हिमाचल प्रदेश में लगतार हो रही बारिश से जन जीवन पूरी तरह से परभावित हो रहा है। अधिक बारिश के कारन लगातार लैंडस्लाइड (Himachal Landslide) की घटनाओ में भी इजाफा हो रहा है। हिमाचल प्रदेश के लोग कह रहे है कि पहाड़ों में बढ़ता कंस्ट्रक्शन और घटता वन क्षेत्र हिमालय के कारन ही ऐसी घटनाए हो रही है। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो साल में लैंडस्लाइड की घटनाएं 6 गुना बढ़ गई हैं और इस मानसून के 55 दिन में 113 बार लैंडस्लाइड हुई है। बारिश और लैंडस्लाइड से जुड़ी घटनाओं में 330 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। Himachal Landslide
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लोगो द्वारा कहा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश की सडको को अधिक चोडी करने के लिए पहाड़ो को सीधा काटा जा रहा है। इससे पहाड़ों की तलहटी की चट्टानें भी काटी जा रही हैं, जिससे पानी के निकासी की व्यवस्था खत्म हो गई है। लगातार सडको के लिए काटी जा रही पहाडियो के कारन ढलान वाले क्षेत्र लैंडस्लाइड के लिए संवेदनशील हो गए हैं। पहाड़ो को धमाके और हाइड्रो प्रोजेक्ट से भी लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं।Himachal Landslide
हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड के संभावित क्षेत्र बढ़कर 17,000 से अधिक हुए
लैंडस्लाइड के होने वाले संभावित क्षेत्र बढ़कर 17,000 से अधिक हो गए हैं। पिछले दिन लैंडस्लाइड के कारन स्लास्टर हाउस तबाह हो गया था जिस से शिमला में कई सरकारी भवन लैंडस्लाइड के खतरे में है।Himachal Landslide
हिमाचल प्रदेश में अलग अलग जगह पर 68 सुरंगें बन रही है। इस सुरंगों के निर्माण में 11 सुरंगे बन चुकी हैं, 27 सुरंगो का काम चल रह है और 30 सुरंगों की रिपोर्ट तैयार हो रही हैं। इस 68 सुरंगों के प्रोजेक्टो में कई केंद्र के हैं। इस सुरंगों के निर्माण से राज्य में लैंडस्लाइड के जोखिम वाले इलाके बढ़ेंगे।
हिमाचल में हो लैंडस्लाइड के कारन
- पहाड़ों को सीधा काटना
- चट्टानों के काटने से पहाड़ो की नींव भी कट गईं।
- पहाड़ो के सीधा काटने से ढलान खत्म हो गई, पानी बहने में रूकावट हुई।
- जहा पानी बहता था और वहा पर बस्तियां बस गईं, निकासी का रास्ता बंद हो गया।
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