— शिक्षा मंत्री के पत्र के बाद ऐलान, पहले आपके, फिर हमारे होंगे दाखिले
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़।
पंजाब के अध्यापक जल्द ही विधायकों अधिकारियों के घर के बाहर दरवाजा खटखटाते नजर आएंगे। इस बार अध्यापक ना ही किसी मांग को लेकर जाने वाले हैं और ना ही किसी प्रकार का कोई धरना देने की तैयारी में है। इस बार तो अध्यापक विधायकों व अधिकारियों के घर में रहने वाले बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में करने के लिए आएंगे। अगर किसी विधायक या अधिकारियों ने अपने परिवार के बच्चे का एडमिशन सरकारी स्कूल में करने से इनकार किया तो उसके बकायदा लिस्ट भी तैयार करेंगे। यह ऐलान पंजाब के अध्यापक संगठन की तरफ से किया गया है।
पंजाब के अध्यापक संगठन का कहना है कि शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा लिखे गए पत्र से वह पूरी तरह सहमत हैं और उसे मानने के लिए भी तैयार हैं कि अध्यापकों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने चाहिए। परंतु यहां पर सवाल उठता है कि सरकारी स्कूलों में सिर्फ अध्यापकों के ही बच्चे क्यों पढ़ने चाहिए ? क्या पंजाब की सरकार में मौजूदा विधायकों को सरकारी स्कूलों पर विश्वास नहीं है जो उनके बच्चे इन सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ने चाहिए ? क्या पुलिस या सिविल अधिकारियों को सरकारी स्कूलों पर विश्वास नहीं है जो उनके भी बच्चे इन सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ने चाहिए ?
सवालों के साथ आएंगे विधायकों व अधिकारियों के द्वार
इन सवालों को लेकर वह सभी विधायकों व अधिकारियों के घर का भी दरवाजा खटखटाएंगे और उसे पूछेंगे क्या वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाने के लिए तैयार है। अध्यापकों की तरफ से ऐलान किया जा रहा है कि वह पूरी शिद्दत के साथ कोशिश करेंगे कि विधायकों व अधिकारियों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में दाखिला लें। अगर किसी ने इनकार किया तो उसके लिस्ट भी तैयार की जाएगी क्योंकि आने वाले समय में अगर अध्यापकों के बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल ना हुए तो सरकार की तरफ से कोई फरमान भी जारी किया जा सकता है। ऐसे में वह विधायकों व अधिकारियों के लिस्ट भी सामने रख देंगे।
मुकाबला बराबरी का तो कार्रवाई भी बहुत बराबरी की
अध्यापक संगठन का कहना है कि अगर मुकाबला बराबरी का करना है तो कार्यवाही भी बराबरी की करनी चाहिए। सरकार में मौजूद विधायकों व अधिकारियों को पहल के आधार पर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखल करवाना चाहिए। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो जो कार्रवाई अध्यापकों के खिलाफ होगी वही कार्यवाही इनके खिलाफ भी होनी चाहिए।
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विधायकों व अधिकारियों के बच्चे पढ़ेंगे तो होगा ज्यादा सुधार
अध्यापक संगठन का कहना है कि कि सरकार की यह सोच गलत है कि अध्यापकों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने से ही सरकारी स्कूलों का सुधार हो जाएगा। अध्यापक अच्छी शिक्षा तो दे सकते हैं। लेकिन अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर देना सरकार का ही काम है। अगर विधायक व अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल हुए तो उम्मीद है कि अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर भी उन सरकारी स्कूलों में पहुंच जाएगा। ऐसे में अच्छी शिक्षा देने के लिए पहले से ही अध्यापक तैयार हैं।