— कैबिनेट मीटिंग के दरवाजे तक थी जाने की इजाजत, कांग्रेस खत्म किया था यह दौर
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़।
एक दौर था जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का हाथ पकड़कर पत्रकार ने सिर्फ होने रोक लेते थे बल्कि उनसे बयान तक ले लेते थे। मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी प्रकाश सिंह बादल के कमरे तक पत्रकारों की आसानी से पहुंच हो जाती थी यहां तक कि जब कैबिनेट मीटिंग चल रही होती थी तो कैबिनेट मीटिंग के बाहर गेट तक पत्रकार पहुंचकर बादल साहब के बाहर आने का इंतजार करते रहते थे ताकि सीधे ही मुख्यमंत्री से पूछ लिया जाए कि उन्होंने आज कैबिनेट मीटिंग में क्या किया है ?
पत्रकार भी जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का हाथ पकड़ कर रोक लेते थे तो वह कोई भी एतराज तक नहीं करते थे बल्कि खड़े होकर कई बार बयान देकर जाते थे। कई बार ऐसा हुआ है कि प्रकाश सिंह बादल जी को जल्दबाजी में कहीं जाना पड़ता था तो वह पत्रकारों को नाराज नहीं करते हुए बोल कर जाते थे कि उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल या फिर सीनियर कैबिनेट मंत्री पत्रकारों को पूरी कैबिनेट की ब्रीफिंग करके जाएंगे।
कांग्रेस के सत्ता में आते ही खत्म हुया यह दौर
2017 में शिरोमणि अकाली दल की सरकार सत्ता से बाहर होने के पश्चात के बाद यह दौर भी खत्म हो गया। कांग्रेस के सत्ता के आने के पश्चात मुख्यमंत्री बने कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार के एक इशारे पर पत्रकारों की मुख्यमंत्री दफ्तर के आसपास एंट्री बंद कर दी गई।
मुख्यमंत्री का हाथ पकड़ कर उन्हें रोककर कैबिनेट की ब्रीफिंग लेना तो बहुत दूर की बात पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जिस कमरे में कैबिनेट मीटिंग कर रहे होते थे उसके 200 मीटर दूर तक पत्रकारों के जाने तक की पाबंदी लगा दी गयी। यहां तक कि सुरक्षा कर्मचारियों को भी बकायदा आदेश दे दिए गए कि पत्रकार एक तय से आगे दाखिल ना हो पाए । उसके पश्चात वह दिन कभी भी नहीं आया है जब पत्रकार मुख्यमंत्री के सिविल सेक्रेटेरिएट में होने या फिर कैबिनेट मीटिंग करने के समय पत्रकारों को अंदर जाने की इजाजत मिली हो। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पत्रकारों से जुड़े ऐसे काफी रोचक किस्से हैं।
हरचरण सिंह बैंस मीटिंग से उठकर बाहर आकर बताते थे कुछ देर और बस
शिरोमणि अकाली दल कि 10 साल चली सरकार में हरचरण सिंह बैंस पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash singh Badal) के ना सिर्फ काफी करीबी थे बल्कि उनका सारा मीडिया का काम भी बतौर मीडिया एडवाइजर हरचरण सिंह बैंस ही देख रहे थे। कैबिनेट मीटिंग में हरचरण सिंह बैंस हमेशा ही बैठते थे तो कई बार कैबिनेट मीटिंग देर तक चलती तो ऐसे में हरचरण सिंह बैंस कैबिनेट मीटिंग से उठकर बाहर आकर गेट पर ही खड़े पत्रकारों को बताते थे कि बस कुछ ही देर में मीटिंग खत्म होने वाली है और उसके पश्चात आप कैबिनेट मीटिंग की जानकारी ले सकते हैं। हरचरण सिंह बैंस सीधे तौर पर ही इशारा कर देते थे कि कुछ ही मिनटों में मुख्यमंत्री बाहर आने वाले हैं आप पूरी तरीके से तैयार रहें।
हरचरण बैंस के कमरे में लगता था पत्रकारों का जमावड़ा
मौजूदा सरकार में जो दफ्तर आईएएस अधिकारी रवि भगत के पास है वह दफ्तर शिरोमणि अकाली दल की सरकार में प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) जी के मीडिया एडवाइजर हरचरण बैंस का दफ्तर हुआ करता था। इस दफ्तर के बिल्कुल सामने ही मुख्यमंत्री दफ्तर का कमेटी रूम है जहां पर हमेशा ही कैबिनेट मीटिंग होती है। कैबिनेट मीटिंग 1 से 2 घंटे चलने के कारण सभी पत्रकारों का जमावड़ा हरचरण सिंह बैंस के दफ्तर में लगता था और वहीं पर कई तरह की चर्चा होने के साथ-साथ कैबिनेट मीटिंग के खत्म होने का इंतजार तक किया जाता था। जैसे ही कैबिनेट मीटिंग खत्म होती तो तुरंत उस दफ्तर से बाहर निकलकर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को रोक लिया जाता था ताकि उसे केबिनेट मीटिंग की जानकारी ली जा सके।
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जितने भी पत्रकार बैठे हैं सभी को बुला लो
सिविल सेक्रेटेरिएट में मुख्यमंत्री दफ्तर से करीब 500 मीटर की दूरी पर प्रेस रूम बना हुआ है जहां पर आमतौर पर पत्रकार पहले समय में काफी ज्यादा गिनती में बैठते थे। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash singh Badal) अपने दफ्तर में जब कोई मीटिंग कर रहे होते थे या फिर वैसे ही आ जाते थे तो फ्री समय में उनकी तरफ से मैसेज भेज दिया जाता था कि अगर कोई भी पत्रकार प्रश्नों में बैठा है तो वह मिलने के लिए मुख्यमंत्री के दफ्तर में आ सकता है।
उस समय कई बार ऐसा हुआ है कि जब मुख्यमंत्री मीटिंग खत्म करने के पश्चात जब चाय पीने लगते तो परिश्रम से पत्रकारों को भी अपने पास बुला लेते और उस समय वह पंजाब की राजनीति पर भी खूब चर्चा करते थे। परंतु अब ऐसा कुछ भी नहीं होता है कांग्रेस के कार्यकाल के पश्चात इस तरह की रिवायत खत्म हो गई जो कि इस आम आदमी पार्टी की सरकार में भी शुरू नहीं हुई है।
सुरक्षा के घेरे में कम रहते थे Parkash Singh Badal
जब भी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल रात के खाने में या फिर दिन में चाय के लिए अपने पास पत्रकारों को बुलाते तो उसमें भी पत्रकारों का जमावड़ा लगा रहता था। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सुरक्षा के घेरे में कम ही रहते थे बल्कि वह खुद ही सुरक्षा कर्मचारियों को दूर करते हुए बोल देते हैं कि अब उनके पत्रकार साथी आए हुए हैं इसलिए वह उनके साथ ही खुलकर चर्चा करना चाहते हैं। ऐसे में सुरक्षा कर्मचारियों का कोई भी काम नहीं है वह दूर दूर चले जाए। जिसके पश्चात पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पत्रकारों के साथ खूब चर्चा करते और उनका हालचाल भी पूछते थे।
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