— Rural Development and Panchayat Department द्वारा जांच विजीलैंस को सौंपने के निर्देश
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़, 13 अक्तूबर l
Rural Development and Panchayat Department मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज विभाग में करीब 121 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला बेनकाब किया है। उन्होंने सख़्त रूख अपनाते हुए जहाँ ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के दर्जन के करीब अधिकारियों सहित 6 सरपंचों को तुरंत चार्जशीट करने के आदेश दिए हैं, वहीं घोटाले की आगे की जांच विजीलैंस ब्यूरो को सौंपने के लिए कहा है। Panchayat Department के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार विरुद्ध असहनीय नीति अपनाई गई है जिसके अंतर्गत ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग में यह सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है।
लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि ब्लॉक लुधियाना- 2 के अधीन गाँव सलेमपुर, सेखेवाल, सेलकियाणा, बौंकड़ गुज्जरां, कड़ियाना ख़ुर्द और धनानसू की सैंकड़े एकड़ ज़मीन एक्वायर होने पर इन ग्राम पंचायतों को 252. 94 करोड़ रुपए की अवार्ड राशि प्राप्त हुई थी परन्तु विभाग के कुछ भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों द्वारा सरपंचों के साथ मिलकर इस राशि में से 120.87 करोड़ रुपए निकलवा लिए गए।
Panchayat Department के मंत्री ने बताया कि जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए और ज्वाइंट डायरैक्टर स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई।
4 BDPO, 6 Secretary और 6 सरपंचों को चार्जशीट करने एक आदेश
Panchayat Department कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जांच में सामने आया कि विभाग के ब्लॉक विकास एवं पंचायत अफसरों, पंचायत सचिवों और सरपंचों ने आपसी मिलीभुगत के साथ अपने स्तर पर ही एफ.डी. तोड़कर 120.87 करोड़ रुपए की रकम निकलवाई और बिना प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी से यह राशि अपनी मनमर्ज़ी से ख़र्च कर दी गई जबकि विभाग द्वारा जारी पॉलिसी और हिदायतों अनुसार जब किसी ग्राम पंचायत को उसकी ज़मीन एक्वायर होने पर अवार्ड राशि प्राप्त होती है तो ऐसी रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एफ.डी के रूप में जमा करवाई जानी होती है। बिना सरकार की मंजूरी से ऐसी एफ.डी को तोड़ने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। केवल इस एफ.डी से प्राप्त ब्याज को ही तकनीकी अधिकारियों की सलाह से प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी लेने के उपरांत गाँव के विकास कामों पर ख़र्च किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि विभागीय हिदायतों में स्पष्ट है कि अगर कोई अधिकारी/कर्मचारी या सरपंच बिना सरकार की मंजूरी से ऐसी रकम अपनी मनमर्ज़ी से ख़र्च करता है तो ऐसी रकम को अयोग्य ख़र्च घोषित किया जाएगा और इसकी वसूली ख़र्च करने वाले सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी/सरपंच से की जाएगी।
इन गाँवो को जारी हुए थे करोड़ो रूपये
लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि गाँव धनानसू की 299 एकड़ ज़मीन एक्वायर की गई थी और पंचायत को 104.54 करोड़ रुपए अवार्ड राशि के रूप में मिले थे जिसमें से 61.23 करोड़ रुपए बिना मंजूरी के खर्च किए गए। गाँव सेखेवाल की एक्वायर की गई 81 एकड़ ज़मीन के बदले मिली 64.82 करोड़ रुपए राशि में से 29.50 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए। गाँव सलेमपुर की 86 एकड़ ज़मीन के लिए 5.63 करोड़ रुपए प्राप्त हुए जिसमें से 1.53 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
इसी तरह गाँव कड़ियाना ख़ुर्द की एक्वायर की गई 416 एकड़ ज़मीन के लिए 42.56 करोड़ रुपए अवार्ड राशि दी गई जिसमें से ग्राम पंचायत ने 3.36 करोड़ रुपए बिना मंज़ूरी से खर्च किए जबकि गाँव बौंकड़ गुज्जरां की पंचायत द्वारा गाँव की 27 एकड़ ज़मीन के बदले मिली 31.63 करोड़ अवार्ड राशि में से 25.25 करोड़ रुपए निकलवाए गए। उन्होंने बताया कि गाँव सेलकियाणा को मिली 3.76 करोड़ अवार्ड राशि में से बिना मंजूरी ख़र्च की राशि सम्बन्धी रिकॉर्ड आना अभी बाकी है।
बिना किसी विभागीय मंजूरी के अपनी मनमर्ज़ी से बना दिए गए 58 मकान
कैबिनेट मंत्री ने ख़ास तौर पर बताया कि गाँव धनानसू की पंचायत में करीब 58 मकान बिना किसी विभागीय पॉलिसी और बिना किसी विभागीय मंजूरी के अपनी मनमर्ज़ी से बना दिए गए और इस सम्बन्धी कोई भी रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया।
लालजीत सिंह भुल्लर ने इस घोटाले के प्राथमिक जांच के दौरान नामज़द किए गए दोषियों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही के आदेश देते हुए ब्लॉक विकास एवं पंचायत (Panchayat Department) अफ़सर रुपिन्दरजीत कौर, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह मांगट और सिमरत कौर, पंचायत सचिव गुरमेल सिंह (अब सेवामुक्त), हरपाल सिंह रंधावा, बग्गा सिंह, जशनदीप चन्देल, हरपाल सिंह सहजोमाजरा और हरजीत सिंह मल्होत्रा और सरपंच धनानसू सुदागर सिंह, सरपंच सलेमपुर नेहा, सरपंच सेखेवाल अमरीक कौर, सरपंच बौंकड़ गुज्जरां मुखत्यार सिंह, अधिकारित पंच बौंकड़ गुज्जरां गुरचरन सिंह, सरपंच सेलकियाणा हरप्रीत कौर और सरपंच कड़ियाना खु़र्द रजिन्दर कौर को तुरंत चार्जशीट करने के आदेश दिए हैं।
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बिना मंजूरी ख़र्च की राशि वसूलने की कार्यवाही शुरू
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को आगे की जांच विजीलैंस ब्यूरो को सौंपने के आदेश देते हुए बताया कि अब तक की जांच में नामज़द अधिकारियों और सरपंचों से बिना मंजूरी ख़र्च की गई राशि वसूलने की कार्यवाही आरंभ कर दी गई है।
कैबिनेट मंत्री ने जांच में सहयोग न करने वाले चार प्राईवेट बैंकों, जिनमें एच.डी.एफ.सी बैंक, यैस बैंक, ऐकुइटस बैंक और ऐकसिस बैंक शामिल हैं, को भी ब्लैकलिस्ट करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इन बैंकों की ब्रांचों में यह पैसे जमा थे परन्तु बैंक मैनेजरों द्वारा जांच टीम को कोई सहयोग नहीं दिया गया और रिकॉर्ड मुहैया कराने में भी आनाकानी की गई। मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन बैंकों से तुरंत पंचायतों का फंड निकलवाकर हिदायतों के मुताबिक निर्धारित बैंक में जमा करवाया जाए और बैंक मैनेजरों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए सम्बन्धित डी.जी.एम को लिखा जाए।
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