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Home » गेहूँ के स्टॉक में हेराफेरी के दोष अधीन विजीलैंस द्वारा 6 के खि़लाफ़ केस दर्ज
पंजाब

गेहूँ के स्टॉक में हेराफेरी के दोष अधीन विजीलैंस द्वारा 6 के खि़लाफ़ केस दर्ज

Rajesh Sachdeva
Last updated: 2024/01/24 at 6:56 PM
Rajesh Sachdeva
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6 Min Read
Punjab Vigilance Bureau
Punjab Vigilance Bureau
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Vigilance Bureau Punjab: तीन गोदामों में से 10,716 बोरियाँ कम मिलीं, मौजूद बोरियों का वजऩ कम पाया गया

दी स्टेट हेडलाइंस
चंडीगढ़, 27 सितम्बर:
पंजाब विजीलैंस ब्यूरो (Vigilance Bureau Punjab) ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जारी अपनी मुहिम के अंतर्गत फिऱोज़पुर जिले में आने वाले चार गोदामों में साल 2018-19 के खरीद सीजन के दौरान गेहूँ के स्टॉक में हेराफेरी के लिए समकालीन जि़ला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति कंट्रोलर (डी.एफ.एस.सी.), पनग्रेन के दो इंस्पेक्टरों और तीन कमिशन एजेंटों (आढ़तियों) के खि़लाफ़ केस दर्ज किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में जिन व्यक्तियों के खि़लाफ़ केस दर्ज किया गया, उनमें डी.एफ.एस.सी. फिरोजपुर बलराज सिंह (अब सेवामुक्त), इंस्पेक्टर पनग्रेन सुरेश कुमार इंचार्ज खरीद केंद्र फिरोजशाह, इंस्पेक्टर बलराज सिंह गोदाम इंचार्ज गाँव लल्ले, हराज और तलवंडी भाई, हैप्पी कमिशन एजैंट्स के मालिक हरदेव सिंह, धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक पवन कुमार और गिल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक इकबाल सिंह शामिल हैं। Vigilance Bureau Punjab

Contents
Vigilance Bureau Punjab: तीन गोदामों में से 10,716 बोरियाँ कम मिलीं, मौजूद बोरियों का वजऩ कम पाया गयापनग्रेन कर्मचारियों की आढ़तियों के साथ मिलीभगतखरीद संबंधी बनाई थी झूठी रिपोर्ट

इस सम्बन्धी विजीलैंस ब्यूरो के थाना फिऱोज़पुर रेंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) ( ए) और 13 (2) और आई.पी.सी. की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत एफ.आई.आर. नम्बर 25 तारीख़ 26-09-2023 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। Vigilance Bureau Punjab

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पनग्रेन कर्मचारियों की आढ़तियों के साथ मिलीभगत


उन्होंने बताया कि खरीद एजेंसी ‘पनग्रेन’ द्वारा साल 2018-19 के खरीद सीजन के दौरान तलवंडी भाई, वाड़ा भाई घल्ल खुर्द जि़ला फिऱोज़पुर के खरीद केन्द्रों से गेहूँ खरीद कर गाँव लल्ले, हराज और तलवंडी भाई स्थित पनग्रेन के गोदामों में स्टोर की गई थी, जहाँ इसकी देख-रेख का जिम्मा इंस्पेक्टर बलराज सिंह के पास था।
तारीख़ 30- 05- 2018 और 31- 05- 2018 को किये गए अचानक साझे निरिक्षणों के दौरान यह पाया गया कि वहाँ रजिस्टर्ड स्टॉक में से 50 किलो वजऩ वाली 10,716 बोरियाँ गायब थीं, जबकि 30 किलो वजऩ वाली 60 बोरियाँ वहीं पाई गईं। इसके अलावा गोदाम में गेहूँ की ज्यादातर बोरियों का वजऩ निर्धारित मात्रा से कम पाया गया।
इसी तरह साझी जांच के दौरान गाँव फिरोजशाह के एक गोदाम में पाया गया कि हैप्पी कमिशन एजेंट, धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी और गिल ट्रेडिंग कंपनी के मालिकों ने गाँव लल्ले में शिवम् एंटरप्राईज़ फर्म में पनग्रेन के गोदाम के निगरानी इंस्पेक्टर बलराज सिंह के साथ मिलीभगत करके गेहूँ की 13,134 बोरियों की खरीद संबंधी झूठी रिपोर्ट तैयार की। Vigilance Bureau Punjab
इस फज़ऱ्ी खरीद से सम्बन्धित अदायगियाँ उपरोक्त आढ़तियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दीं। इसके बाद जैसे ही यह घोटाला सामने आया तो धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी ने बिना किसी गेट पास के 25 से 27 मई, 2018 के दरमियान गेहूँ की 2200 बोरियाँ उक्त शिवम् एंटरप्राईजिज़ में बनाए गोदाम में जमा करवा दीं।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इससे चार दिन पहले जब तारीख़ 21- 05- 2018 को सहायक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अफ़सर ने गाँव फिरोजशाह की अनाज मंडी का निरीक्षण किया था तो उस समय उस मंडी में गेहूँ की कोई बोरी ही नहीं थी।

खरीद संबंधी बनाई थी झूठी रिपोर्ट


इस जांच से पता लगा है कि फिरोजशाह स्थित खरीद केंद्र के इंचार्ज इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने हैप्पी कमिशन एजैंट्स, धालीवाल ट्रेडिंग कंपनी और गिल ट्रेडिंग कंपनी के साथ मिलकर गेहूँ की 13,134 बोरियाँ, जिनकी कीमत 1,13,93,745 रुपए बनती थी, की खरीद संबंधी झूठी रिपोर्ट तैयार करने की साजिश रची थी। इस गलत कार्यवाही के नतीजे के तौर पर सरकारी खजाने को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ, क्योंकि यह भुगतान सीधे उक्त आढ़तियों को किया गया था।
इसके साथ ही समकालीन डी.एफ.एस.सी. बलराज सिंह को घोटाले के बारे में पूरी जानकारी होने के बावजूद उन्होंने इंचार्ज इंस्पेक्टर बलराज सिंह और उक्त आढ़तियों के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की, बल्कि उक्त कसूरवार इंस्पेक्टर और आढ़तियों के साथ मिलीभगत करते हुए गेहूँ की कुल बोरियाँ और उनकी बनती रकम वापस वसूल ली। इसके निष्कर्ष के तौर पर उक्त सरकारी कर्मचारियों ने इस खरीद से सम्बन्धित अनिवार्य 3 प्रतिशत मार्केट फीस और 3 प्रतिशत ग्रामीण विकास फंड एकत्रित नहीं किया, जोकि सरकारी खजाने में जमा होना था, जिससे राज्य सरकार को सीधे तौर पर वित्तीय नुकसान हुआ।
उन्होंने बताया कि इन खुलासों को ध्यान में रखते हुए इस सम्बन्धी केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है।

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Rajesh Sachdeva January 24, 2024 September 27, 2023
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