पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दे डाली 5 दिसंबर तक बिक्रम मजीठिया को चुनौती
अकाली लीडर बिक्रम मजीठिया के पूर्वजों ने पंजाब के माथे पर घोड़े (Arabian horse) चोर जैसा कलंक लगवा रखा है। अरब मुल्कों से आए शानदार नस्ल के अरबी घोड़े की चोरी किसी और ने नहीं बल्कि बिक्रम मजीठिया के पूर्वजों ने ही की थी जिस कारण उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा देना पड़ा था।
अभी तक यह पता नहीं चला है कि वह अरबी घोड़े आखिरकार किसके पास गए हैं और किसने उन्हें रखा हुआ है। बिक्रम मजीठिया को 5 दिन का समा दिया जा रहा है। इन पांच दिनों में वह खुद इसके बारे में बता दें कि इन अरबी घोड़े को कहां रखा गया है नहीं तो वह खुद आकर इस बात का खुलासा करेंगे। यह चुनौती पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दी गई है भगवंत मान चंडीगढ़ में नवनियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देने के लिए पहुंचे हुए थे जहां पर उन्होंने मजीठिया परिवार पर हमला बोला है।
भगवंत मान ने कहा कि 1957 में जब वोटिंग भारत में हुई थी तो उसे समय जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने थे। तो उनकी अगवाई में एक वफद अरब मुल्कों में गया। अरब मुल्कों के एक राजा द्वारा बहुत ही शानदार नस्ल के अरबी घोड़े (Arabian horse) को गिफ्ट में दिया था ताकि भारत में भी इस नस्ल पर काम हो सके।
उसे समय सुरजीत सिंह मजीठिया देश के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर थे। यह घोड़े सुरजीत सिंह मजीठिया अरब देशों से भारत में तो ले आए लेकिन उन घोड़े को मेरठ कैंप में नहीं भेजा गया। फौज के लिए यह घोड़े मेरठ में ही रखे जाने थे क्योंकि फ़ौज से जुड़े हुए इस तरह के जानवर मेरठ में ट्रेनिंग सेंटर में रखे जाते थे।
Arabian horse का पता नहीं चला तो नाराज हुए अब देश के राजा
भगवंत मान ने बताया कि उस समय जब अरबी घोड़े (Arabian horse) देश में पहुंच चुके थे तो अब देश के उसे राजा ने कुछ समय पश्चात अपने अपनी एंबेसी में फोन करते हुए पूछा कि उन घोड़ा का क्या हाल-चाल है। कुछ दिन पश्चात अरबी एंबेसी ने अपने राजा को बताया कि मेरठ कैंप में किसी तरह के घोड़े पहुंचे ही नहीं है। जिसको सुनकर अरब देश का राजा हैरान रह गया और उसने इस संबंध में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पास नाराजगी भी जाहिर की थी।
मजीठिया को प्रधानमंत्री ने दिया था आदेश तुरंत दें इस्तीफा
भगवंत मान ने बताया कि Arabian horse की बात सुन कर प्रधानमंत्री भी नाराज हो गये और उन्होंने डिप्टी डिफेन्स मिनिस्टर सुरजीत सिंह मजीठिया को आदेश दिए कि वोह तुरंत अपना अस्तिफा सौप दें। इन घोड़ो की चोरी होने के पश्चात मजीठिया के पूर्वजो को अस्तिफा भी देना पड़ा था। परन्तु बात वहीं पर खड़ी है कि वोह Arabian horse कहाँ गये, इस लिए आज 5 दिन का समय दिया जाता है कि बिक्रम मजीठिया 5 दिसम्बर तक खुद बताएँगे या फिर मुझे खुद बताना पड़ेगा।
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