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Monday, Jun 02, 2025
Haryana : पुलिस क्यों नहीं तोड़ पा रही हरियाणा में नशा तस्करों का नेटवर्क: कुमारी सैलजा
लोगों का पता है नशा कहां-कहां बिकता है तो पुलिस विभाग को इसकी भनक तक क्यों नहींअखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में नशा तस्करों का नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है. समूचे राज्य में नशा तस्कर हेरोइन, गांजा, अफीम व अन्य प्रकार के जानलेवा नशा की सप्लाई करने में जुटे हैं। नशा तस्करों के बढ़ते और फैलते नेटवर्क के चलते ऐसा जान पड़ता है जैसे हरियाणा उनका पसंदीदा राज्य बन गया हो। आखिर पुलिस नशा तस्करों का नेटवर्क क्यों नहीं तोड़ पा रही है, जब लोगों को पता है कि नशा कहां-कहां बिक रहा है और कौन बेच रहा है तो पुलिस विभाग को इसकी भनक क्यों नहीं लग पा रही है।मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार नशा तस्करों की कमर तोड़ने और करोडो रुपये के नशीले पदार्थ बरामद करने का दावा कर रही है बावजूद इसके तस्करों का नेटवर्क प्रदेश में तेजी से फैल रहा है। प्रदेश में नशे की गूंज हर चौक चौराहे, विधानसभा सदन तक सुनाई देती है। पुलिस को नशा तस्करों का किला ध्वस्त करने के लिए और जो युवा नशा कर रहे है उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए।प्रदेश के अधिकतर जिलों में नशा तस्कर सक्रिय हैं। उनके आगे खुफिया तंत्र भी बौना साबित हो रहा है। सच तो ये है नशा करने वालों की संख्या बढ़ रही है उसी हिसाब से नशे की मांग बढ़ रही है, नशा की पूर्ति के लिए नशेडी कोई भी कीमत देने को तैयार है, जिसके लिए वह अपराध तक करने लगा है। ऐसे में नशे की रोकथाम के लिए सरकार को साम-दाम दंड भेद सब कुछ अपनाने होंगे क्योंकि युवा सुरक्षित है तो देश का भविष्य सुरक्षित है।सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि है पुलिस अभी तक सही ढंग से नशा तस्करों और उनके रूट की पहचान तक नहीं कर पाई है अगर उसने रूट की पहचान कर ली है तो प्रदेश में नशा कहां से आ रहा है। पाकिस्तान से नशा सबसे पहले पंजाब पहुंचता है और पंजाब से अन्य राज्यों की ओर भेजा जाता है। पंजाब सीमा से सटा सिरसा और फतेहाबाद जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। राजस्थान से नशे की खेप रेवाड़ी पहुंचती है जहां से एनसीआर में नशा पहुंचाया जाता है। पंजाब से नशे की बड़ी खेप दिल्ली और दिल्ली से प्रदेश के दूसरे जिलों में भेजी जाती है, जब आम आदमी को इस रूट के बारे में जानकारी है तो पुलिस विभाग को इसकी भनक तक क्यों नहीं लग पा रही है क्या हमारा खुफिया तंत्र कमजोर है या खुफिया तंत्र जो रिपोर्ट भेज रहा है उस पर कार्रवाई नहीं हो रही है, कोई नशा तस्कर चंगुल में फंस गया तो वह पुलिस के लिए सफलता बन जाता है। अगर पुलिस नशा पीड़ितों परिवारों से मिले तो बहुत कुछ उसके हाथ लग सकता है। पुलिस जिन गांवों में नशा मुक्त घोषित कर चुकी है पता चला वहां पर आज भी नशे का धंधा हो रहा है। ग्राम पंचायतों से नशा मुक्त पंचायत का प्रस्ताव पारित कराने से प्रदेश नशा मुक्त नहीं होगा, जब तक नशा तस्करों की जड़े नहीं खोदी जाती इससे छुटकारा मिलने वाला नहीं है। सरकार हर गांव और हर शहर और हर वार्ड से सूचना जुटानी होगी कि कौन कौन इस धंधे में शामिल है, उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई करनी होगी कि कोई नशे का धंधा करने से पहले हजार बार सोचे।
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