Municipal Council: नगर कौंसिल में प्रधान के दफ्तर को लेकर बढ़ता जा रहा है विवाद
दी स्टेट हैडलाइंस
समाना।
आखिरकार नगर काउंसिल में स्थित प्रधान अश्विनी गुप्ता के दफ्तर का ताला (Municipal Council) खुल ही गया है परंतु इस दफ्तर के ताले के खुलते साथ ही विवाद और भी ज्यादा गहराता जा रहा है क्योंकि प्रधान अश्विनी गुप्ता की तरफ से आप नगर काउंसिल के ईओ को ही चेतावनी दे डाली है कि अगर उनके दफ्तर में आज के बाद किसी भी तरह की गैर कानूनी कार्रवाई हुई तो उसके जिम्मेवार प्रधान अश्विनी गुप्ता खुद नहीं बल्कि नगर काउंसिल के ईओ और वहां पर बैठने वाले काउंसलर होंगे। Municipal Council
अश्विनी गुप्ता सोमवार को खुद नगर काउंसिल में जाकर ईओ को लिखित में यह चेतावनी देने जा रहे हैं। इसके पश्चात यह मामला कितना ज्यादा गंभीर रूप से गहराएगा शायद इसका अंदाजा कोई भी नहीं लग सकता है परंतु आने वाले दोनों में नगर काउंसिल में विकास कार्यों की चर्चा शायद हुई होगी परंतु इस तरह के विवाद जरूर उठते नजर आएंगे। Municipal Council Samana
आखिरकार क्या है पूरा मामला ?
समाना नगर काउंसिल में बीते दिन प्रधान अश्विनी गुप्ता द्वारा अपने आधिकारिक दफ्तर को ताला लगाते हुए यह आदेश दे दिए थे कि उनकी किसी को भी उनके दफ्तर में बैठने की इजाजत न दी जाए। प्रधान अश्विनी गुप्ता द्वारा अपने दफ्तर में ताला लगाए जाने का विरोध उसे उस दफ्तर में बैठने वाले कुछ काउंसलर के द्वारा किया गया था। Samana
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परंतु दूसरी तरफ प्रधान अश्विनी गुप्ता भी अड़े हुए थे कि उनके दफ्तर में उनकी गैर हाजिरी में किसी को भी बैठने की इजाजत नहीं मिलेगी क्योंकि उनको डर है कि उनके दफ्तर में कुछ गैर संवैधानिक गतिविधियां की जा रहे हैं जिनका दोष भविष्य में उनके सिर पर ही मढ़ दिया जाएगा। इसी कारण के चलते उन्होंने अपने दफ्तर को ताला लगवा दिया था परंतु यह ताला लगने के पश्चात मामला स्थानक विधायक व कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जोड़ा माजरा के पास पहुंचा तो मामला काफी बड़ा हो गया इसके पश्चात नगर काउंसिल के ईओ द्वारा दफ्तर को खोल दिया गया।
प्रधान सिर्फ हकदार नहीं है दफ्तर बैठने के : ईओ
नगर काउंसिल के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर ने कहा कि नगर काउंसिल में स्थित प्रधान के दफ्तर पर सिर्फ प्रधान का एकाधिकार नहीं है बल्कि उस दफ्तर में काउंसलर भी बैठ सकते हैं। इसलिए अगर कोई भी काउंसलर आकर उन्हें यह कहेगा कि दफ्तर में वह बैठना चाहते हैं तो वह उनको रोक नहीं सकते हैं और काउंसलर के लिए दफ्तर हमेशा खुला रहेगा। इसी कारण के चलते प्रधान के द्वारा बंद करवाए गए दफ्तर के ताले को खोला गया है और भविष्य में भी जब भी काउंसलर बैठने के लिए दफ्तर खोलने के लिए बोलेंगे तो वह उसे दफ्तर को खोलने के लिए पाबंद है।
कुछ भी गैर कानूनी हुआ तो ईओ खुद होंगे जिम्मेवार
नगर काउंसिल के प्रधान अश्विनी गुप्ता ने कहा है कि उन पर पहले भी नाजायज शराब का झूठा मामला दर्ज किया जा चुका है और उनके साथी काउंसलर के खिलाफ भी मामले दर्ज हो चुके हैं ऐसे में उनकी गैर हाजिरी में अगर उनके दफ्तर में कुछ गैर संवैधानिक या फिर गैर कानूनी कार्य हो जाता है तो इसके लिए सीधे तौर पर ईओ ही जिम्मेवार होंगे। इस मामले को लेकर वह सोमवार को लिखित में ईओ को देने जा रहे हैं इसके पश्चात अगर कुछ भी होता है तो वह खुद ही जिम्मेदार होंगे।
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