— महिलाओं को एक हजार रुपये देने की तैयारी में सरकार, बजट में इसकी घोषणा करने पर विचार कर रही है
—पंजाब की सभी महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ, आय सीमा भी रखने की तैयारी
–अच्छी कमाई वाली महिलाओं को नहीं मिलेंगे 1 हजार रुपए
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़, 9 फरवरी।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब की महिलाओं (Female) को हर महीने एक हजार रुपए देने की तैयारी की है। इस के लिए सरकार के गलियारे में कई कई घंटों से इस बात पर चर्चा हो रही है कि आम आदमी पार्टी के इस वादे को कैसे अमल में लाया जाएl पंजाब सरकार इस 1 हजार रुपये की घोषणा बजट सत्र में कर सकती है, लेकिन इसका लाभ अगस्त के बाद शुरू होगा, क्योंकि बजट घोषणा के बाद इस पैसे के सही भुगतान के लिए योजना तैयार की जाएगी। यह बैंक खाते में जमा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वित्तीय वर्ष 2023 में महिलाओं को 1 हजार रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे। हालांकि पंजाब की वे महिलाएं इस 1 हजार रुपये के लाभ से बाहर हो सकती हैं, जो सालाना टैक्स (Tax) भरती हैं, क्योंकि सरकार एक निश्चित आमदनी तक ही 1 हजार रुपये देने का फैसला कर रही है. जिन महिलाओं के पास पहले से अधिक पैसा है, उन्हें इससे लाभ नहीं होगा।
जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी की सरकार के सत्ता में आने से पहले यह घोषणा की गई थी कि वे पंजाब की हर महिला को 1 हजार रुपये देंगे ताकि वह उस पैसे को अपनी मर्जी से खर्च कर सके और महिलाओं को भी कुछ मदद मिल सके. यह ऐलान भी आम आदमी पार्टी सरकार के बड़े ऐलान में शामिल है। इसलिए सत्ता में आने के बाद इस सरकार के कैबिनेट मंत्री कई बार आम जनता से फैसले को लागू करने की तिथि के बारे में पूछते रहे हैं, लेकिन अब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे लागू करने का फैसला किया है.
भगवंत मान (Bhagwant Mann) की सरकार ने अपने दूसरे बजट की तैयारी में इस फैसले को अमल में लाने का लगभग फैसला कर लिया है, लिहाजा बजट में होने वाली घोषणाओं में इसे भी शामिल किया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से इस घोषणा को लेकर काफी मंथन चल रहा था और अब तय हो गया है कि इस साल इस फैसले को लागू किया जाएगा.
12 हजार करोड़ रुपए का सालाना बोझ
पंजाब सरकार द्वारा महिलाओं को 1 हजार रुपये प्रति माह देने से सरकार के खजाने पर हर साल 12 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. पंजाब में इस वक्त 1 करोड़ 2 लाख महिला वोटर हैं, अगर इन महिला वोटरों को 1 हजार रुपये दिए जाएं तो पंजाब सरकार को हर महीने 1 हजार करोड़ रुपये और सालाना 12 हजार करोड़ रुपये देने होंगे. मौजूदा समय में पंजाब सरकार के पास ज्यादा राजस्व के साधन नहीं हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी सरकार को भी इस फैसले को लागू करने के लिए अपनी आमदनी बढ़ानी होगी.