महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक 42 वर्षीय डॉक्टर और उनकी बेटी के जीका virus से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। डॉक्टर को बुखार आया और शरीर पर चकत्ते हो गए तो वे एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए गए। उनके लक्षण डेंगू से मेल खा रहे थे पर डेंगू नहीं हुआ था। इसलिए अस्पताल ने उनका ब्लड सैंपल पुणे के राष्ट्रीय वायरस विज्ञान संस्थान (NIV) के पास जांच के लिए भेजा। 21 जून को रिपोर्ट में डॉक्टर के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। घर में बाकी सदस्यों के ब्लड सैंपल लिए गए तो उनकी बेटी भी पॉजिटिव निकली।
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। ये मच्छर आमतौर पर थोड़े गर्म इलाकों में होते हैं। यह वायरस सेक्स से भी फैल सकता है। अगर कोई गर्भवती महिला इससे संक्रमित हो जाती है तो जीका virus उसके भ्रूण को प्रभावित कर सकता है। यह बच्चे की जन्मजात मेडिकल कंडीशंस का कारण बन सकता है। इससे बच्चे का मानसिक विकास बाधित हो सकता है और दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
आज हम यह भी साथ ही जानेंगे कि-
- जीका वायरस के क्या लक्षण होते हैं?
- इससे किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं?
- किस तरह की सावधानियां बरत सकते हैं?
क्या होता है जीका virus?
जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। इसमें ऑर्गेनिज्म हमारी कोशिकाओं का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इसे ऐसे समझिए कि यह वायरस हमार घर में रहकर, हमारा ही खाना खाकर अपना कुनबा बढ़ा रहा होता है।
इस बीमारी के साथ बड़ी मुश्किल यह है कि ज्यादातर संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं। असल में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है।
जीका वायरस के क्या लक्षण हैं
इस जीका से पीड़ित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित केवल 5 में से 1 व्यक्ति में ही लक्षण दिखाई देते हैं। जो लक्षण नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि यह जीका वायरस के कारण ही है।
जीका वायरस फैलने का कारण क्या है
जीका एक प्रकार का फ्लेविवायरस है, जो जीका संक्रमण का कारण बनता है। डेंगू बुखार और वेस्ट नाइल संक्रमण के लिए जिम्मेदार वायरस भी फ्लेविवायरस के ही प्रकार हैं। यह कैसे फैलता है
एडीज मच्छरों से: जीका वायरस संक्रमण के ज्यादातर मामलों के लिए एडीज मच्छर जिम्मेदार हैं। जब कोई एडीज मच्छर जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद दूसरे व्यक्ति के काटता है तो संक्रमण फैल सकता है।
गर्भवती महिला से भ्रूण में: अगर गर्भवती महिलाएं जीका वायरस से संक्रमित हैं तो यह प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है। जीका के कारण बच्चा माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है। इसका मतलब है कि बच्चे का मस्तिष्क पूरी तरह विकसित नहीं हो पाएगा।
सेक्शुअल एक्टिविटीज से: जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति के सीमन में यह वायरस कई हफ्तों और महीनों तक जीवित रह सकता है। यह ओरल, एनल या वेजाइनल सेक्स के जरिए भी फैल सकता है।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन: विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ब्राजील और फ्रांस में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए जीका ट्रांसमिशन के केस सामने आए हैं। हालांकि अन्य देशों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन से जीका संक्रमण के मामले नहीं दिखे हैं।
गर्भावस्था में जीका virus से किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं
जीका virus सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह वायरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है और उसके विकास को बाधित कर सकता है। जीका से संक्रमित महिलाओं के बच्चों में निम्न समस्याएं देखने को मिल सकती हैं:
छोटा सिर (माइक्रोसेफली): माइक्रोसेफली का मतलब यह हो सकता है कि बच्चे का मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हुआ है। इन बच्चों का सिर भी देखने में औसत से छोटा होता है।
जन्मजात जीका सिंड्रोम: बच्चे के जन्म के समय ही कई कंडीशन दिख सकती हैं। इसमें गंभीर माइक्रोसेफली, हल्की चपटी खोपड़ी, मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की कमी, कमोजर आंखें, जोड़ों की समस्याएं और हाइपरटोनिया जैसी समस्याएं शामिल हैं।
मस्तिष्क का पूर्ण विकास न होना: इसमें न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, मस्तिष्क में फोल्ड्स न होना, मस्तिष्क में कुछ संरचनाओं का न होना और ब्रेन एट्रॉफी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
सेरेब्रल पाल्सी: सेरेब्रल हमें ब्रेन और बाकी अंगों के बीच कोऑर्डिनेशन की क्षमता देता है और यह हमारी मसल्स को कंट्रोल करता है। अगर सेरेब्रल पाल्सी की समस्या है तो इन क्षमताओं में कमी आ जाती है।
इनके अलावा दृष्टि या श्रवण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है।
जीका वायरस का क्या इलाज है
इस जीका virus के इलाज के लिए कोई खास दवा नहीं है। बुखार और दर्द से जुड़ी कुछ दवाएं देकर इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसका सबसे अच्छा इलाज बचाव ही है।
जीका वायरस के संक्रमण को कैसे रोक सकते हैं
जीका संक्रमण होने या फैलने के जोखिम को कम करने के कई तरीके हैं। आइए देखते हैं:
मच्छरों से बचाव करें: घर में या घर के आसपास कहीं भी पानी न जमा होने दें। चूंकि एडीज मच्छर बहुत दूर तक उड़कर नहीं जा सकता है तो इससे काफी हद तक बचाव हो सकता है। इसके अलावा जीका वायरस प्रकोप के जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें। अगर जाना जरूरी है तो पूरे बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी में सोएं।
सेक्स से दूरी बनाएं या कंडोम का प्रयोग करें: अगर जीका virus से प्रभावित क्षेत्र में हैं और यौन संबंध बना रहे हैं तो कंडोम का उपयोग करें। संक्रमित क्षेत्र से लौटने के बाद तीन महीने तक ओरल, एनल और वेजाइनल सेक्स से बचें। क्योंकि कई बार व्यक्ति जीका वायरस से संक्रमित होता है पर उसके लक्षण नजर नहीं आ रहे होते हैं।
गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए: गर्भावस्था के दौरान जीका virus प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें। अगर जीका के जोखिम वाले क्षेत्र की यात्रा कर रही हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और जीका के लक्षणों पर नजर रखें। जीका वायरस के संक्रमण के लिए जिम्मेदार सभी जोखिमों से बचें।
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