— पांच ओर जिलों में भारतीय हाईपरटैनशन कंट्रोल पहलकदमी की शुरुआत; अब 15 राज्य कवर किये जाएंगे
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़, 9 जून l
सेहत और परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह के निर्देशों अनुसार राज्य में Hypertension and Blood Sugar कंट्रोल गतिविधियों को तेज करने के लिए, पंजाब के सेहत और परिवार कल्याण विभाग की तरफ से आज यहाँ भारतीय हाईपरटैनशन कंट्रोल पहलकदमी ( आई. एच. सी. आई.) संबंधी करवाई गई राज्य स्तरीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण दौरान हाईपरटैनशन और डायबटीज़ कंट्रोल प्रोटोकोल जारी किया गया।
यह प्रोटोकोल मिशन डायरैक्टर नेशनल हैल्थ मिशन पंजाब डा. अभिनव त्रिखा और डायरैक्टर सेहत एवं परिवार भलाई विभाग पंजाब डा. आदर्शपाल कौर की तरफ से सांझे तौर पर जारी किया गया।
इस मौके राज्य के पाँच अन्य जिलों में भी इस प्रोग्राम की शुरुआत की गई। जि़क्रयोग्य है कि इस समय पंजाब के 10 जिलों को इस पहलकदमी के अंतर्गत कवर किया जा रहा है। अब आई. एच. सी. आई. को 5 और जिलों में लागू किया जायेगा, जिस के साथ इस अधीन कवर किये जा रहे जिलों की कुल संख्या 15 हो जायेगी।
वर्कशाप को संबोधन करते डा. अभिनव त्रिखा ने कहा कि भारत अब विश्व की तीसरी सब से बड़ी अर्थव्वयस्था है और इस का रोग पैटर्न भी संचारी बीमारियाँ से ग़ैर संचारी बीमारियों में बदल रहा है, जो कि ग़ैर- सेहतमंद जीवन शैली का नतीजा है।
हाईपरटैनशन विश्व स्तर पर होने वाली मौतों का सब से बड़ा कारण है जिस करके लगभग 10. 5 मिलियन मौतें हुई हैं और यह सब से बड़ा प्रिवैंटेबल रिस्क फैक्टर है। उन्होंने कहा कि पंजाब में हाईपरटैनशन का प्रचलन 37. 7 ( एन. एफ. एच. एस. – 5 है, जो यह दिखाता है कि पंजाब की बड़ी संख्या आबादी हाईपरटैनशन के साथ प्रभावित है।
Hypertension and Blood Sugar वाले रिपोर्ट किये गए 62 प्रतिशत मरीज़
पिवैंटिव और प्रोमोटिव हैल्थ की बात करते हुए डा. त्रिखा ने बताया कि पंजाब ने आई. एच. सी. आई. को सफलतापूर्वक लागू किया है क्योंकि बी पी कंट्रोल सम्बन्धित 62 प्रतिशत मरीज़ रिपोर्ट किये गए हैं। उन्होंने भागीदारों को सेहतमंद जीवन शैली की आदतेंं अपना कर अपने व्यवहार को बदलने और ऐसीं आदतों संबंधी दूसरो को भी जागरूक करने के लिए मिलकर काम करन के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ख़ुराक में मिलटस का प्रयोग करने और तम्बाकू व शराब से दूर रहने को भी उत्साहित किया जाना चाहिए।
डा. आदर्शपाल कौर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विभाग में मैडीकल अफ़सर से ले कर आशा स्तर तक हर कोई आई. एच. सी. आई. संबंधी अच्छी तरह अवगत् हो। उन्होंने स्टाफ को कहा कि वह सम्बन्धित मरीज़ को नियमित तौर पर दवा लेने के लिए प्रेरित करने के लिए, इस पहलकदमी संबंधी आई. ई. सी. गतीविधियों को तेज करें।
यह भी पढ़े :- अध्यापक के लिए खुशखबरी, कल बढ़ जाएगी तनख्वाह
हाईपरटैनशन कंट्रोल पहलकदमी को पहले पड़ाव में लागू करने वाला पहला राज्य
सहायक डायरैक्टर कम स्टेट प्रोगराम अफ़सर एनपी- ऐनसीडी डा. सन्दीप सिंह गिल ने बताया कि हाईपरटैनशन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते, पंजाब जनवरी- 2018 में भारतीय हाईपरटैनशन कंट्रोल पहलकदमी ( आई. एच. सी. आई.) को पहले पड़ाव में लागू करने वाला पहला राज्य था। उन्होंने कहा कि आई. एच. सी. आई. विच्च की गई मुख्य गतिविधियों में हाईपरटैनशन टरीटमेंट प्रोटोकोल जारी करना, दवाओं की उपलब्धता, घर के नज़दीक रजिस्ट्रेशन, टरीटमेंट आउटकम- आशा वर्करज़ द्वारा फॉलो- अपना, टास्क शेअरिंग- डीसैंटरलाईजेशन, मोनिटरिंग- इन्फारमेटिक्स, समीक्षा मीटिंगों शामल हैं।
वर्कशाप दौरान एस. एम. ओ कलानौर डा. लखविन्दर सिंह को अपने ब्लाक में आई. एच. सी. आई. दा सफल माडल लागू करन के लिए सम्मानित किया गया। भागीदारें द्वारा बलड प्रेशर मैजरमैंट डैमो, टरीटमेंट प्रोटोकोल बारे चर्चा और फील्ड के तजुर्बे सांझे किये गए। इस प्रशिक्षण वर्कशाप में पी. ओ ( एनपी- ऐनसीडी) डा. आशु, स्टेट कंसलटेंट आई. एच. सी. आई. डा. नवनीत, सी. वी. एच. ओज डा. बिदिशा, डा. त्रिशना, जिलों के डी. एफ. डब्ल्यू. ओज, एस. टी. ऐसज़ और डी. पी. ऐमज़ ने हिस्सा लिया।
पलपल की खबरों पर अपडेट के लिए पेज को सब्सक्राईब करें व FACEBOOK और TWITER को फॉलो करें l