Hormonal Imbalance in Hindi: हारमोंस हमारे शरीर में मौजूद कुछ केमिकल तत्व होते हैं जो कि हमारे शरीर के अन्य अंगों को अपनी क्रियाएं सही ढंग से करने में सहायता करते हैं और यह हमारे शरीर में खून के साथ बहकर सभी अंगों तक पहुंचते हैं। इनका मुख्य कार्य शरीर में मेटाबॉलिज्म और अन्य जरूरी तत्वों को नियंत्रण में रखना है, क्योंकि अगर यह असंतुलित हो जाएंगे तो हमारे शरीर को काफी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
आजकल यह लोगों में बहुत आम सी बात हो गई है क्योंकि लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते और गलत चीजों का खानपान करते हैं, जिसका प्रभाव उनके इन हारमोंस पर पड़ता है। इसके अतिरिक्त हारमोंस के संतुलन को बिगाड़ने में स्ट्रेस, चोट, बीमारी, एक्सरसाइज ना करना आदि भी पूरा-पूरा योगदान डालते हैं। हार्मोन असंतुलन का मतलब होता है कि जब हमारे शरीर में यह केमिकल घटक या तो बहुत ज्यादा मात्रा में हो जाते है या तो बहुत कम हो जाते हैं।
हारमोंस का संतुलन में रहना शरीर के बहुत सी क्रियाओ के लिए आवश्यक माना जाता है क्योंकि यदि इसमें कोई गड़बड़ आ जाए तो यह शरीर के काफी तरह की क्रियाओ जैसे कि मेटाबॉलिज्म, नींद का प्रवाह, हार्ट रेट में भी परिवर्तन ला सकता है। जिससे व्यक्ति को काफी दिक्कतो और बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। यह हार्मोनल असंतुलन महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाया जाता हैं और दोनों के ही शरीर में मौजूद इंसुलिन, ग्रोथ हार्मोस, एड्रीनलीन और स्टेरॉयड को प्रभावित करते हैं।
ब्लड टेस्ट ही एक अकेला ऐसा रास्ता है जिसके द्वारा हार्मोनल इंबैलेंस का पता लगाया जा सकता है, क्योंकि इन हारमोंस का प्रवाह खून के द्वारा ही शरीर के सभी अंगों में होता है। इससे बचाव के लिए लोग थेरेपी, दवाइयां, लाइफ़स्टाइल चेंजेज आदि कुछ भी अपना सकते हैं।
Hormonal Imbalance in Hindi: लक्षण
- डिप्रेशन
- स्ट्रेस
- वजन का बढ़ना
- पेट की समस्या
- त्वचा और चेहरे पर सूजन और रूखापन
- वजन का अचानक से कम होना
- थकावट
- बाल झड़ना या पतले होना
- घुटनों में दर्द
- स्किन पर गुलाबी और बैंगनी रंग के स्ट्रेच मार्क्स आना
- धुंधला दिखना
- हड्डियों में कमजोरी
उपचार
मीठा कम खाना
सफेद चीनी का उपयोग हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक हो सकता हैं और यही कारण है कि हमारे शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस आता है। इसके ज्यादा खतरनाक और असरदार होने का यह है कि इसमें रिफाइंड की मात्रा बहुत अधिक होती है जो कि होर्मोनेस के संतुलन को बिगाड़ देता हैं। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में मीठी चीज का सेवन करता है उसे उतना ही उसे इंसुलिन शरीर से निकालना पड़ता है जो कि हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को सही और नियंत्रण में रखने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक होता है। इसी कारण से डॉक्टर भी हार्मोनल इंबैलेंस के चलते मरीजों को मीठा कम खाने की सलाह देते हैं। Hormonal Imbalance in Hindi
योगासन और व्यायाम
आयुर्वेद के अनुसार योगासन और व्यायाम को शरीर की हर तरह की समस्या का निवारक माना गया है, क्योंकि यह शरीर को लंबे समय तक दुरुस्त बनाए रखने में सहायक बनता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति हार्मोनल इंबैलेंस से पीड़ित है और बहुत सी समस्याओं जैसेस त्वचा पर पिंपल, पेट में गड़बड़ आदि का सामना कर रहा है तो योगासन और व्यायाम उसमें बहुत ज्यादा गुणकारी साबित हो सकते हैं और उन्हें उनसे बचा सकते हैं। नियमित रूप से इसका प्रयोग अगर इस अवस्था में किया जाए तो बहुत ही अच्छे रिजल्ट्स महिलाओं और पुरुष दोनों को देखने को मिल सकते हैं। Hormonal Imbalance in Hindi
सही मात्रा में नींद
नींद हमारी हर एक व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी होती है ऐसा इसलिए क्योंकि यह हमारे शरीर की सभी क्रियाओ को सही रखने में और हमारा ध्यान केंद्रित करने में बहुत बड़ा रोल अदा करती है। यदि किसी भी दिन व्यक्ति की नींद पूरी ना हो तो वह चिड़चिड़ा और परेशान नजर आता है, इसलिए हार्मोनल इंबैलेंस का सबसे बड़ा कारण नींद की अपूर्ति भी है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा नियमित रूप से सोने और 8 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे उसका शरीर ज्यादा देर दिन में काम करने के लिए सक्षम हो जाता है। Hormonal Imbalance in Hindi
केमिकल से बचाव
आजकल लोग अपनी बहरी सुंदरता को बनाए रखने के लिए बहुत से केमिकल और प्रिजर्वेटिव से भरी चीजे इस्तेमाल करने लगते हैं, जिसके कारण से उनके शरीर पर काफी बार बुरे असर असर भी पडते हैं। बहुत से लोग अपने सेहत को बनाए रखने के लिए सप्लीमेंट्स और चेहरे पर निखार लाने के लिए कॉस्मेटिक शादी का इस्तेमाल करते हैं और वही लोग होते हैं जो बाद में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या से पीड़ित हो जाते हैं। इसी कारण से जो भी इस समस्या से पीड़ित है और इनसे बचाव करना चाहता है उसे ऐसा कोई भी प्रोडक्ट या दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिसका सीधा असर हमारे हारमोंस पर पड़ता हो। क्योकि यह आगे चलकर हमारे लिए काफी दिक्कतें खड़ी कर सकता है। Hormonal Imbalance in Hindi
पर्याप्त पोषण का सेवन
हमारे शरीर में बहुत सारे पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो कि हमें कोई भी पौष्टिक आहार से प्राप्त हो सकता हैं। कई पोषक तत्व तो हमारे शरीर में खुद ही पैदा हो जाते हैं परंतु कई की मात्रा बढ़ाने के लिए हमें बाहरी आहार खाना पड़ता है। इसलिए हमें अपने खाने में प्रोटीन, फाइबर कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बढ़ाने वाले आहार को शामिल करना चाहिए, ताकि हम हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या से बच सके। क्योंकि इन तत्वों की हमारे शरीर में कमी भी इसका एक मुख्य कारण हो सकता है जो की पूरी करनी काफी जरुरी होती है। Hormonal Imbalance in Hindi
इस आर्टिकल में जानकारी सामान्य रूप से दी गई है। इसलिए इस पर अमल करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर सलाह ले। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी बात की कोई भी पुष्टि नहीं करता है।
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