वर्ष के अंत तक प्रदेश के सभी राजकीय मॉडल संस्कृति होंगे Smart Class Room
admin
Updated At 21 Jan 2024 at 12:04 AM
Smart Class Room: अब तक 4035 स्मार्ट क्लासरूम बन चुके हैं
दी स्टेट हेडलाइंस
चंडीगढ़ , 14 अक्तूबर
हरियाणा के CM Manohar lal Khattar ने बताया कि राज्य के राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों के 7400 Class Room में से 4035 स्मार्ट क्लासरूम (Smart Class Room) बन चुके हैं , बकाया Class Room को This Year स्मार्ट क्लासरूम में बदला जाएगा। वे आज "विशेष चर्चा" कार्यक्रम के दौरान Chandigarh से Online माध्यम से राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले Students के अभिभावकों से चर्चा कर रहे थे। Smart Class Room
उन्होंने बताया कि हर विद्यार्थी की सीखने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए इन विद्यालयों में शिक्षण के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन विद्यालयों की दीवारों को ऐसे सजाया गया है, जिससे दीवारों पर शिक्षण सामग्री पेन्ट करवाकर शैक्षणिक वातावरण का निर्माण हुआ है। इससे विद्यार्थी देखकर, पढ़कर तथा पेन्सिल के माध्यम से सीख सकते हैं। पूरे भवन को ही सहायक सामग्री में बदल दिया गया है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत हम प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान तैयार कर रहे हैं, जिनमें नन्हे बच्चे की केजी कक्षा से युवा विद्यार्थी की पीजी कक्षा तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस प्रकार एक ही छत के नीचे सम्पूर्ण शिक्षा मिलेगी।
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मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय खोलने की प्रक्रिया 2017 में की थी शुरू
मुख्यमंत्री ने अभिभावकों से आह्वान किया कि बच्चा जिस क्षेत्र में निपुण है, उसी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। आगे चलकर बच्चा क्या बने, इसका निर्णय उसे स्वयं लेने दे। उसका कैरियर बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दें। बच्चों की पसंद व अभिरुचियों को निखारने में मदद करें। बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए थ्री-एस यानी कि स्टडी, स्पोर्ट्स व स्कीन के समय में संतुलन बनायें। इसके साथ ही वह खेल के लिए भी समय निकाले ,मोबाइल फोन व इंटरनेट के आने से बच्चे पर जरूरत से ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं , उनकी इस आदत पर अंकुश लगाएं। उन्होंने बच्चों के माँ -बाप को महाराज शिवाजी जैसे महापुरुषों की प्रेरणादायक कहानी सुनाने के लिए प्रेरित किया। Smart Class Room
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस अवसर पर कहा कि हमने गरीब से गरीब परिवार के बच्चों को प्राथमिक स्तर से ही उच्चकोटि की शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय खोलने की प्रक्रिया 2017 में शुरू की थी। उस समय राज्य के 119 खण्डों में से हर एक खण्ड में एक राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय (बैग फ्री स्कूल) खोला गया था।
शिक्षा प्रदान करने की दिशा में इन विद्यालयों की सफलता को देखते हुए स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्यों, पंचायतों. शिक्षाविदों व जनप्रतिनिधियों द्वारा और मॉडल संस्कृति विद्यालय खोलने की मांग उठने लगी। हमने उनकी मांग पर इन विद्यालयों का विस्तार किया और आज इनकी संख्या बढ़कर 1,419 हो गई है। इन विद्यालयों में 3 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह इस बात को साबित करता है कि ये विद्यालय इस समय प्राइवेट विद्यालयों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
मॉडल संस्कृति स्कूलों में शिक्षा है निःशुल्क
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये तक है, उनके लिए मॉडल संस्कृति स्कूलों में शिक्षा निःशुल्क है। इन विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 65 प्रतिशत विद्यार्थी गरीब परिवारों के हैं। हमने ऐसे परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भी शिक्षा दिलवाने के लिए चिराग-योजना चलाई है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों का दाखिला कक्षा 2 से 12वीं तक करवाया जाता है।
इन बच्चों की फीस सरकार भरती है। इसके तहत अब तक 2,474 बच्चों का मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में दाखिला करवाया गया है। इन विद्यालयों में पहली से दूसरी कक्षा के बच्चों पर पढ़ाई के दबाव को कम करने के लिए उन्हें कोई होम वर्क नहीं दिया जाता। इन विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी व हिन्दी दोनों ही रखा गया है। जो बच्चे अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए हर कक्षा में कम से कम एक सेक्शन का माध्यम अंग्रेजी है। बच्चों की शिक्षा की बुनियाद प्राथमिक स्तर पर मजबूत की जा सकती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस पर बल दिया गया है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कथन है कि 'विद्यालयों में किताबी ज्ञान के साथ-साथ संस्कार युक्त नैतिक शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण का मुख्य आधार है। उनकी इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य में राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों की स्थापना की है।
उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे प्रण लें कि वे अपने बच्चों को भरपूर प्यार, देखभाल और वर्तमान समय की जरूरत के अनुसार शिक्षा दिलवाएंगे। इसके लिए सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
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