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Veterinary Surgeon Recruitment में बड़ी धांधली, निष्पक्ष जांच कर दोबारा परीक्षा कराई जाए

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Updated At 17 Jan 2024 at 09:37 PM

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पिछले 9 साल में हरियाणा में शायद ही कोई भर्ती हुई हो जिसका पेपर लीक न हुआ हो – दीपेन्द्र हुड्डा

दी स्टेट हेडलाइंस
चंडीगढ़, 23 अक्टूबर।
सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि पशु चिकित्सक भर्ती (Veterinary Surgeon Recruitment) में हुए घोटाले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने उन्हें बताया कि 15 जनवरी, 2023 को हुए भर्ती पेपर में बड़े पैमाने गडबड़ियां थीं। इनको देखते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कर दोबारा परीक्षा कराई जाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पिछले 9 साल में हरियाणा में शायद ही कोई भर्ती हुई हो जिसका पेपर लीक न हुआ हो।

यही कारण है कि हर भर्ती घपले-घोटाले की भेंट चढ़ गई और कोई भर्ती हुई भी तो उसमें ज्यादातर नौकरी हरियाणा के बाहर के प्रदेशों के अभ्यर्थियों को दी गई। हरियाणा में आज विकराल हो चुकी बेरोजगारी के पीछे सबसे बड़ा यही कारण है। प्रदेश में भर्ती माफिया का राज चल रहा है। भर्ती संस्था HPSC भर्ती बिक्री केंद्र बन गया है और इसमें जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग सत्ता के संरक्षण में खुलेआम नोट कमा रहे हैं। उन्होंने तुरंत कमीशन को भंग करके अब तक हुई भर्तियों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। Veterinary Surgeon Recruitment

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Veterinary Surgeon Recruitment: केंद्र की बीजेपी सरकार के मंत्रियों ने भी माना गड़बड़झाला, फिर भी रिजल्ट जारी करने पर क्यों आमादा है सरकार?- दीपेंद्र हुड्डा

वेटनरी सर्जन अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से मिलकर युवाओं के साथ हो रहे अन्याय की पूरी कहानी बताई। उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार में राज्यमंत्री संजीव बालियान ने भी हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे। वेटरिनरी सर्जन भर्ती के पेपर में 26 से ज्यादा सवालों के गलत उत्तर दिए गए थे।

इसके अलावा बड़ी मात्रा में प्रश्नों को महाराष्ट्र के पेपर से कॉपी किया गया। इतना ही नहीं, कई अभ्यार्थियों ने बाकायदा इस भर्ती घोटाले के सबूतों के साथ माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी एक केस की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा था कि 10 प्रतिशत से ज्यादा प्रश्न कॉपी नहीं किये जा सकते।

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अभ्यर्थियों ने बताया कि 15 जनवरी को पेपर होना था, जिसके दो दिन पहले से ही अभ्यर्थियों के पास पेपर खरीद-बिक्री के फोन आने शुरु हो गये थे। जिन लोगों ने पेपर हासिल कर लिया उनके फोन स्विच ऑफ करवा दिये गये। इनमें ज्यादातर अभ्यर्थी प्राईवेट व हिसार कालेज के हैं। Veterinary Surgeon Recruitment

पूरी ऑडियो रिकार्डिंग 17 जनवरी की है जिसमें घोटालेबाजों ने पेपर आउट की पूरी प्रक्रिया का जिक्र किया है साथ ही बकायदा लीक पेपर का दाम 25 लाख रुपये व 27 लाख रुपये बताया है। इसमें 100 प्रश्नों में से 64 प्रश्नों के उत्तर आने की बात कही गयी है। सोशल मीडिया पर भर्ती माफिया से बातचीत का ऑडियो भी वायरल है। इन तथ्यों की निष्पक्ष जांच करवाने की बजाए तमाम धांधलियों पर पर्दा डालने के लिए भर्ती के रिजल्ट को जल्द जारी करने की खबरें आ रही हैं। बीजेपी-जेजेपी सरकार पहले भी कई भर्तियों में ऐसा कर चुकी है।

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HPSC बना भर्ती बिक्री केंद्र, कमीशन को भंग करके हो उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच- दीपेंद्र हुड्डा

दीपेंद्र हुड्डा ने अभ्यर्थियों की चिंता से सहमति जताते हुए कहा कि हाल ही में हुई एचसीएस भर्ती का उदहारण प्रदेश के सामने है। प्रश्न कॉपी-पेस्ट करके पेपर लीक से हुई इस भर्ती के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है। बावजूद इसके सरकार ने इसका रिजल्ट आनन-फानन में जारी कर दिया। 100 पदों के लिए हुई इस भर्ती के लिए सिर्फ 61 अभ्यार्थियों का ही चयन किया गया। यह वहीं भर्ती है जिसके 38 सवाल पिछले साल के पेपर से कॉपी किए गए थे। प्रश्न कॉपी करना इस सरकार द्वारा इजाद किया गया पेपर लीक का नया तरीका है।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने पिछले दिनों जानबूझकर ऐसे नियम बनाए, जिससे हरियाणा के योग्य युवा प्रदेश में उच्च पदों पर नियुक्त ना हो सकें। भर्तियों में नेगेटिव मार्किंग और 50% क्राइटेरिया इसी का उदहारण है। एचपीएससी ने सामान्य वर्ग पर 50 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणी के अभ्यार्थियों पर 45 प्रतिशत का क्राइटेरिया लागू करके भर्ती प्रक्रिया को मजाक बना दिया। एडीओ भर्ती का उदहारण देते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 600 पदों के लिए निकली भर्ती के इंटरव्यू में सिर्फ 57 अभ्यार्थियों ने ही क्वालिफाई किया। इनमें से 7 को इंटव्यू में बाहर कर दिया गया। आखिर में 600 पदों की भर्ती में सिर्फ 50 लोगों को ही नौकरी मिल पाई और 550 पद खाली रह गए।

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प्रश्न कॉपी करना इस सरकार द्वारा इजाद किया गया पेपर लीक का नया तरीका- दीपेन्द्र हुड्डा

उन्होंने कहा कि HPSC युवाओं के साथ बेसिर-पैर के प्रयोग कर रहा है। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग और 50% क्राइटेरिया के साथ एचपीएससी ने हर प्रश्न के उत्तर में पांचवा ऑप्शन भी जोड़ा, जिसे भरना अनिवार्य किया गया। अगर किसी ने पांचों में से कोई भी ऑप्शन नहीं भरा तो अभ्यार्थी के अंक काटे जाएंगे। इसके पीछे सरकार ने वजह बताई कि कुछ अभ्यर्थी जानबूझकर अपनी आंसर शीट खाली छोड़ देते हैं, जिसे बाद में भरा जाता है। यानी कहीं न कहीं सरकार खुद मान चुकी है कि एचपीएससी की भर्तियों में इस तरह की धांधलियां हो रही हैं।

भर्ती संस्थाओं में बैठे लोग लाखों रुपये लेकर खाली आंसर शीटों को भरते हैं और नौकरियों की सौदेबाजी करते हैं। अबतक सामने आए भर्ती घोटालों में कई बार खाली आंसर शीट की खाली छोड़ने की बात उजागर हो चुकी है। लेकिन सरकार ने ऐसे तमाम घपले-घोटालों को दबा दिया। हैरानी की बात है कि प्रश्नपत्र में कमीशन द्वारा की गई गड़बड़ियों को ठीक करवाने के लिए अभ्यार्थियों को से प्रति प्रश्न 200 रुपये की वसूली की गई। यानी कमीशन की गलतियों की भरपाई अभ्यार्थियों से करवाई जाती है। जबकि, सरकार को पेपर सेट करने वाले लोगों और कमीशन में बैठे उनके आकाओं पर कार्रवाई करनी चाहिए। हाईकोर्ट ने भर्ती में गड़बड़ी साबित होने पर कई बार HPSC पर जुर्माना भी लगाया लेकिन, गठबंधन सरकार पर इसका कोई फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा।

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