Urinary Tract Infection In Hindi: आज कल बहुत ही ज्यादा संक्रमण वाली बीमारियां फैल रही है, जो कि व्यक्ति के शरीर को काफी ज्यादा हानि पहुंचा सकते हैं। इन्हीं संक्रमण वाली बीमारियों में से एक है मूत्र पथ संक्रमण। जिसे अंग्रेजी में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन यानी कि यू टी आयी भी बोला जाता है। इस बैक्टेरियल इन्फेक्शन में व्यक्ति के मूत्र विसर्जन का जो रास्ता होता है उसमें कई तरह के बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं और आजकल लोगों में इसके होने की संभावना भी काफी आम सी बात हो गई है। इसकी अतिरिक्त यह पुरुषों की अपेक्षा अधिकतर महिलाओं में पाई जाती हैं। Urinary Tract Infection In Hindi
यह हमारे यूरिन एक्स्क्रेशन के एरिया में कहीं भी हो सकता है। मिली जानकारी के अनुसार पता चलता है कि व्यक्ति का मूत्र मार्ग किडनी, ब्लैडर और यूरेथ्रा के मिश्रण से बनता है। इस कारण संक्रमण का सबसे अधिक प्रभाव इन तीनों पर ही पड़ता है। अगर यह समस्या जरूरत से ज्यादा हो जाए और समय पर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो यह काफी गंभीर रूप भी धारण कर सकती है। जिसका प्रभाव हमारी किडनी पर पड़कर उसे खराब करने की भी सक्षमता रखता है। आज इस आर्टिकल में हम यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बताने की कोशिश करेंगे। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें। Urinary Tract Infection In Hindi
Urinary Tract Infection In Hindi: यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन के लक्षण
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब करते वक्त जलन होना
- मूत्र का गाढ़ा होना
- मूत्र से बहुत ज्यादा तेज गंध आना
- मूत्र का रंग चाय के रंग समान होना
- मूत्र के साथ खून आना
- मूत्र का कठिनाई से बाहर आना और दर्द होना
- महिलाओं में पेल्विक दर्द
- पुरुषों में गुदा दर्द
- पेट में तीव्र दर्द
- ठंड लगना
- बुखार
- उल्टी
यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन के कारण
मेडिकेशन
अध्ययन के अनुसार पाया जाता है कि यदि कोई व्यक्ति दवाईयों या कोई एंटीबायोटिक का प्रयोग कर रहा है तो यह उसके शरीर में से जो अनावश्यक पदार्थ होते हैं उन्हें मूत्र के द्वारा बाहर निकाल देते हैं। परंतु जब कोई व्यक्ति किसी भी कारण से अपना मूत्र रोकने का प्रयास करता है तो यह अपना रास्ता बदलकर गुर्दे की तरफ चला जाता हैं। जिससे हमारे शरीर से जो अनवांटेड पदार्थ बाहर निकलने थे वह किडनी के अंदर दाखिल होके उसे बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। Urinary Tract Infection In Hindi
पथरी
पथरी भी यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन होने का एक बहुत बड़ा कारण हो सकती है। क्योंकि जब भी व्यक्ति को मूत्र का प्रेशर बनता है और वह उसका त्याग करने नहीं जाता, बल्कि उसे रोकने की कोशिश करता है तो वह उल्टा उसके अन्य नजदीकी भागों पर बुरा असर दिखाकर मूत्र संस्थान के रोगों के होने की संभावना को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं।
डायबिटीज
मधुमेह के रोगियों को अक्सर ही मूत्र त्याग करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण से डायबिटीज के मरीजों में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। क्योंकि अध्ययन बताता है कि जब कोई व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हो तो उसे संक्रमण वाले रोग ज्यादा जल्दी प्रभावित करते हैं।
मासिक धर्म
महिलाओं को मासिक धर्म के समय कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिनमें से पेट दर्द, उल्टियां, गर्भाशय में सूजन आना, कब्ज होना, गुप्तांग पर खारिश होना आदि। इसके अतिरिक्त यदि कोई महिला अपने मासिक धर्म के समय या अन्य किसी समय पर भी अपने गुप्तांगों को साफ नहीं रखती तब भी वह मूत्र संस्थान के संक्रमण का शिकार बन सकती है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन का इलाज
खट्टे फलों का इस्तेमाल
आयुर्वेद बताता है कि खट्टे फलों में जो सिट्रिक एसिड मौजूद होता है वह बैक्टीरिया को खत्म करने में बहुत ही ज्यादा सक्षम होता है। इसी कारण से हमारे शरीर में इसका सेवन करने से बहुत सारी संक्रमण वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिये जिस व्यक्ति को भी संक्रमण वाली समस्या हो तब वह खट्टी चीजों जैसे की नींबू पानी, संतरा, आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि यह हमारे मूत्र संक्रमण का इलाज करने में बहुत ज्यादा गुणकारी होते हैं। क्योंकि इसमें जो विटामिन सी मौजूद होता है वह हमारे शरीर में नेचुरल तौर पर एंटीऑक्सीडेंट का काम करके रेडिकल्स की मात्रा को बिल्कुल खत्म करता है और हमारी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है।
गरम पानी का सेवन
गर्म पानी वैसे तो हमारे शरीर के सभी अंगों के लिए बहुत ही ज्यादा गुणकारी है। क्योंकि यह हमारे शरीर की अंदरूनी तौर पर सफाई करता है, ताकि हमारा शरीर जल्दी से अगला खाया हुआ खाना पचा सके। अगर किसी भी व्यक्ति को मूत्र संक्रमण की समस्या हो गई और उसके गुप्तांग में सूजन आ गई हो तो वह गर्म पानी को थैली में डालकर उसकी सिकायी कर सकता है जिससे उसकी सूजन भी कम होगी और इसकी वजह से पैदा हुए दर्द को भी कम करने में काफी ज्यादा सहायता प्राप्त होगी।
ककड़ी का प्रयोग
मिली जानकारी के अनुसार पता चलता है की ककड़ी का सेवन हमारे शरीर में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन को खत्म करने में बहुत ही ज्यादा सहायक बन सकता है। क्योंकि इनमें कुछ ऐसे क्षारीय तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे यूरिनरी एक्स्क्रेशन को काफी ज्यादा आसान बना देते हैं, जिसके कारण से हमारे ब्लैडर पर बहुत ज्यादा दबाव नहीं बनता और इसके इनफेक्टेड होने का खतरा भी कम हो जाता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति यूरिनरी इनफेक्शन से पीड़ित है और वह ककड़ी का सेवन नियमित मात्रा में करता है तो इससे उसे पेशाब खुलकर आता है जिससे उसके शरीर में मूत्र त्याग करते समय जलन की समस्या तो कम होती ही है परंतु इसके साथ-साथ यह यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को भी जड़ से खत्म करने में काफी ज्यादा मददगार बन सकता है। Urinary Tract Infection In Hindi
इस आर्टिकल में जानकारी सामान्य रूप से दी गई है। इसलिए इस पर अमल करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर सलाह ले। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी बात भी कोई पुष्टि नहीं करता है।
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