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Punjab Development Commission : PSPCL की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो सहनशीलता नीति निर्णायक कदम

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चंडीगढ़, 10 अक्टूबर 2025: Punjab State Power Corporation Limited PSPCL ने Punjab Development Commission (पी.डी.सी.) के सहयोग से पारदर्शिता और भ्रष्टाचार विरोधी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया है। जून 2025 में पी.एस.पी.सी.एल. द्वारा भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की शिकायतों के पंजीकरण के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल https://grms.pspcl.in शुरू किया गया था। उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए, जब भी कोई उपभोक्ता पी.एस.पी.सी.एल. से नए बिजली कनेक्शन, बिल भुगतान या इसे वापस लेने, बिलों के निपटारे, सेवा संबंधी शिकायतों या बिजली बाधित होने की रिपोर्ट जैसी मुख्य सेवाएं लेना चाहता है, तो एसएमएस के माध्यम से पोर्टल का लिंक भेजा जाता है। यह पहल सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ता पी.एस.पी.सी.एल. के साथ अपनी सहभागिता के किसी भी चरण पर किसी भी अनुचित मांग या अनुचित व्यवहार की आसानी से रिपोर्ट कर सकते हैं। इसकी शुरुआत के बाद पंजाब भर में उपभोक्ताओं द्वारा कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मामले की स्वतंत्र रूप से तीन सदस्यीय जोनल कमेटी द्वारा जांच की जाती है। जांच पूरी होने के बाद मामला सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाती है। 18 जुलाई 2025 को संगरूर के भलवान सब-डिवीजन (धूरी डिवीजन) से एक शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें एक स्मार्ट मीटर को पारंपरिक मीटर से बदलने के बदले 5,000 रुपये की मांग करने का आरोप लगाया गया था। जांच से पता चला कि मीटर बदलने का आदेश नवंबर 2022 से लंबित था और इसे 17 सितंबर 2024 को बदला गया। दोषी मीटर रीडर एक आउटसोर्स कर्मचारी था और शिकायत के समय पी.एस.पी.सी.एल. में कार्यरत नहीं था। मामला एफ.आई.आर. के लिए और आगे की जांच हेतु डी.सी.पी. नाभा को भेजा गया है। 24 अगस्त 2025 को लुधियाना के फोकल प्वाइंट से एक शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक आउटसोर्स मीटर रीडर ने सरकार की मुफ्त-बिजली योजना के तहत पात्रता पूरी करने के लिए अतिरिक्त यूनिटों को एडजस्ट करके बिल में हेराफेरी करने हेतु 1,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। जांच में आरोप सही पाया गया और 16 सितंबर 2025 को मीटर रीडर को नौकरी से निकाल दिया गया। लुधियाना जिले से 7 अगस्त 2025 को कनेक्शन की स्वीकृति के बावजूद मीटर न लगाने संबंधी एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। यह आरोप लगाया गया था कि जूनियर इंजीनियर ने सिस्टम रद्द होने का हवाला देते हुए फाइल को दोबारा खोलने के लिए अतिरिक्त पैसे देने की मांग की। जांच में रिश्वतखोरी साबित नहीं हो सकी और कनेक्शन की प्रक्रिया में अनुचित देरी की पुष्टि हुई। परिणामस्वरूप 26 सितंबर 2025 को अधिकारी को लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 17 अगस्त 2025 को लुधियाना से एक अन्य शिकायत दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मीटर लगाने के लिए अवैध भुगतान की मांग की गई थी, जिसमें तार और मीटर बॉक्स के खर्चे शामिल थे, जिससे उपभोक्ता को कनेक्शन जारी होने से पहले पैसे देने के लिए मजबूर किया गया था। इस मामले की रिपोर्ट जूनियर इंजीनियर को भी की गई थी, लेकिन कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। प्रवर्तन विंग द्वारा की गई जांच में आरोपों की पुष्टि हुई और प्रक्रिया संबंधी अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें एक बिना हस्ताक्षर और बिना तिथि वाली केस फाइल तथा कनेक्शन जारी करने में 2.5 महीनों की अनुचित देरी शामिल है। इसके अनुसार 29 सितंबर 2025 को संबंधित जूनियर इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। पी.एस.ਪੀ.सी.एल. सार्वजनिक सेवा प्रदान करने में पारदर्शिता और जवाबदेही के नए मानदंड स्थापित करने के लिए भ्रष्टाचार के प्रत्येक मामले की जांच जारी रखेगा और आवश्यकतानुसार सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

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