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Wednesday, Mar 12, 2025
Rooftop Solar Panels in Punjab : वार्षिक 4.9 करोड़ यूनिट ग्रीन ऊर्जा की जा रही है उत्पन्न: अमन अरोड़ा
चंडीगढ़, 16 फरवरी:पावर सेक्टर को Carbon-Free करने और Energy के पारंपरिक स्रोतों पर राज्य की निर्भरता को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए Punjab Government ने 4,474 Solar photovoltaics on rooftops of government buildings (पी.वी.) Panels स्थापित किए हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान शेष सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा में 20 मेगावाट की और वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए आज पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि दिसंबर 2024 तक राज्य भर में 4,474 सरकारी इमारतों की छतों पर 34 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर पी.वी. पैनल लगाए गए हैं। छतों पर लगाए गए ये सोलर पैनल वार्षिक 4.9 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली उत्पन्न कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि ग्रिड से जुड़े ये सोलर (पी.वी.) पैनल उपभोक्ता स्तर पर बिजली उत्पन्न करते हैं, जो वितरण के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करते हैं। इन पैनलों से उत्पन्न बिजली मांग और आपूर्ति के अंतर को दूर करने में भी सहायता करती है, जिससे पीएसपीसीएल को बिजली नियामक आयोग द्वारा निर्धारित नवीकरणीय ऊर्जा खरीद संबंधी जिम्मेदारियों के लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम बनाती है। ग्रिड से जुड़ा यह सिस्टम दिन के समय बिजली उत्पन्न करता है और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में वापस भेजता है।मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के लोगों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से हरित ऊर्जा संबंधी बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह विशिष्ट पहल ऊर्जा क्षेत्र को कार्बन-मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि सोलर (पी.वी.) तकनीक अपने विभिन्न लाभों के कारण नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे पसंदीदा स्रोत बन गई है।श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि सोलर पी.वी. सिस्टम न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करता है। सौर ऊर्जा का उपयोग करके, राज्य सरकार का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करके स्थायी ऊर्जा प्रथाओं को प्रोत्साहित करना और ऊर्जा दक्षता बढ़ाना है, जिससे बिजली की खपत पर होने वाली लागत में काफी बचत होगी। उन्होंने कहा कि इन पैनलों से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।
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