Punjab News: पंजाब सरकार के फरमान से दुःखी हुए अध्यापक, कर रहे है इस फैश्ले का विरोध
दी स्टेट हेडलाइंस
समाना 1 फरवरी।
Punjab News: पंजाब में फाइनल परीक्षा का समय चल रहा है और पंजाब सरकार बच्चो को पूरी छोले खिलाने जैसे बेतुके फरमान जारी कर रही है अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि अध्यापक बच्चो की पढाई की तरफ देखे या फिर उनके लिए गर्म गर्म पूरी छोले के इंतजाम की तरफ देखे। सरकारी अधियापक संघ पंजाब इकाई की तरफ से इन शब्दों का प्रगटावा करते हुए पंजाब सरकार को घेरे में लिया गया है। अध्यापक यूनियन का कहना है कि पंजाब सरकार ने स्कूलों में मिड-डे मील में हर बुधवार को बच्चों के लिए पूरी छोले खिलाने का फैसला तो कर दिया क्या इंतजाम के बारे में एक बार भी सोचा। अध्यपकों ने कहा कि सरकार का ये फैसला गलत है इसको वापिस लेना चाहिए। पूरी छोले पोष्टिक आहार नहीं है इससे बच्चो की सेहत को नुकसान हो सकता है। Punjab News
इस मौके पर सरकारी अध्यापक संघ पंजाब इकाई, पटियाला के जिला प्रधान पुष्पिंदर सिंह हरपालपुर ने कहा कि सरकार की तरफ से फरमान जारी हुए कि हर एक विद्यार्थी को हर बुधवार को गर्म गर्म पूरी छोले खिलाये जाये लेकिन ये कैसे मुनकिन हो सकता है। अगर एक स्कूल में 120 से लेकर 150 विद्यार्थी है तो उनको कैसे गर्म गर्म पूरी खिलाई जा सकती है। उन्होंने ने कहा कि अगर बच्चा तली चीज खाता है तो वो पानी भी पिएगा जिससे बच्चे की सेहत पर गलत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अध्यापकों में चिंता का माहौल पैदा हो रहा है। Punjab News
सरकार के गलत फैसले के कारण बच्चे ठंडा खाना खाने को मजबूर हैं
बच्चों को गरम-गरम पूड़ियाँ खिलाना इसी काम में सारा दिन निकल जाता है और स्कूल में पढ़ाई का माहौल नहीं रहता। कम समय में बड़ी संख्या में स्कूलों में गर्म पूड़ियां नहीं दी जा सकतीं और ठंडी पूड़ियां बच्चों के लिए बीमारी का कारण बन रही हैं। उन्होंने कहा कि कुकिंग कॉस्ट बढ़ाये बिना सरकार ने शिक्षकों पर आर्थिक बोझ भी डाल दिया है। परमजीत सिंह पटियाला, जसविंदर सिंह समाना, संदीप राजपुरा ने कहा कि सरकार ने पूड़ी बनाने के लिए कड़ाही और अन्य सामान छानने के लिए स्कूलों को कोई ग्रांट नहीं भेजी और अध्यापक इन सभी सामान को खरीदने के लिए अपनी जेब से खर्च कर रहे हैं। Punjab News
उन्होंने कहा कि बदलाव के नाम पर बनी सरकार ऐसा बदलाव ला रही है कि पूरे दिन स्कूलों में पढ़ाई न हो और शिक्षकों को दूसरे काम में लगा दिया जाये। इस मौके पर हिम्मत सिंह, शिवप्रीत सिंह पटियाला, तहलबीर सिंह, हरप्रीत उप्पल, जगप्रीत सिंह भाटिया, कंवल नैन समाना, सुखविंदर सिंह नाभा, मनजिंदर सिंह गोल्डी और भूपिंदर सिंह कौरा ने कहा कि सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए ताकि स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बना रहे। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा भीम सिंह, विकास सहगल, जुगप्रगट सिंह, हरविंदर संधू, गुरविंदर सिंह खंगुरा, गुरविंदर पाल सिंह, सुरेश कुमार, सुशील कुमार, गुरप्रीत सिद्धू, दीदार सिंह, हरप्रीत सिंह, संदीप शर्मा, जितिंदर वर्मा, जसवंत सिंह नाभा के अध्यापकगण उपस्थित थे
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