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Bhakra Beas Management Board : पंजाब के पानी को लेकर सभी राजनितिक दल हुई एकजुट

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Updated At 02 May 2025 at 06:22 PM

चंडीगढ़, 2 मई

Punjab CM Bhagwant Singh Mann की पहल पर आज राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने Bhakra Beas Management Board (BBMB) के पंजाब का पानी छीनने के तानाशाही कदम की निंदा करने के लिए अनूठी एकजुटता का प्रदर्शन किया और राज्य के पानी को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाने का संकल्प लिया।

यहां Punjab Bhavan में बुलाई गई बैठक के दौरान Congress से पूर्व स्पीकर Rana KP Singh और पूर्व मंत्री Tripat Rajinder Singh Bajwa, Senior Shiromani Akali Dal leader Balwinder Singh Bhunder and former Minister Daljit Singh Cheema, BJP state president Sunil Jakhar and former minister Manoranjan Kalia, former MP and BSP state chief Avtar Singh Karimpuri, CPM secretary Sukhwinder Singh Sekhon and CPI secretary Bant Singh Brar सहित राजनीतिक नेताओं ने बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री की स्पष्ट रूप से सराहना की। उन्होंने सर्वसम्मति से कहा कि भगवंत सिंह मान ने पंजाब के पानी को बचाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने का दूरदर्शी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य सरकार नदी के पानी के मुद्दे पर पंजाब के हितों की रक्षा के लिए सभी कानूनी, राजनीतिक और प्रशासनिक तरीकों की पड़ताल करे।

सभी राजनीतिक दलों ने मुख्यमंत्री से नदियों के पानी के इस मुद्दे पर पंजाब और इसके लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की और इस कार्य के लिए उन्हें पूर्ण समर्थन व सहयोग देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने मुख्यमंत्री की मानवता के आधार पर हरियाणा को पीने के पानी की जरूरतें पूरी करने के लिए प्रतिदिन 4000 क्यूसेक पानी देने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक नेक पहल है, लेकिन जिस तरह हरियाणा सरकार और बी.बी.एम.बी. ने हमारे पानी को छीनने के लिए तानाशाही और पंजाब विरोधी रवैया अपनाया है, वह अत्यंत निंदनीय है।

राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार द्वारा बी.बी.एम.बी. में पंजाब सरकार के अधिकारियों में से नियुक्त सदस्य (पावर) को हटाकर पंजाब को कमजोर करने की तानाशाही की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. में पंजाब की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसके लिए इसे वीटो पावर दी जानी चाहिए ताकि अन्य हिस्सेदार मिलकर इसके खिलाफ साजिश न कर सकें। उन्होंने संकल्प लिया कि सभी राजनीतिक दल अपने मतभेदों और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ेंगे और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।

इस दौरान सभी राजनीतिक दलों का समर्थन देने के लिए तहेदिल से धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों की एकता ने उन्हें बड़ा नैतिक हौसला दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सोमवार को पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाएगी, जिसमें केंद्र सरकार और बी.बी.एम.बी. की तानाशाही की निंदा की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह संकट केंद्र द्वारा पंजाब पर थोपा गया है, लेकिन हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए कानूनी रूप से सही और नैतिक रूप से मजबूत हैं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि महान सिख गुरुओं ने हमें अन्याय और जुल्म के खिलाफ लड़ना सिखाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ऐसी किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि इस कदम ने पूरे पंजाब को एकजुट कर दिया है और हर पंजाबी केंद्र सरकार के रवैये का जोरदार विरोध कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हरियाणा मार्च महीने में ही बी.बी.एम.बी. द्वारा आवंटित अपने हिस्से के पानी का उपयोग कर चुका है, जिसके बाद पंजाब द्वारा उन्हें लगभग छह बार रिमाइंडर पत्र भी भेजे गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में हरियाणा सरकार ने पंजाब से अपील की थी कि उनके पास लोगों की पीने के पानी की जरूरतें पूरी करने के लिए भी पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर पंजाब सरकार ने उदार दिल दिखाते हुए 6 अप्रैल से हरियाणा को प्रतिदिन 4000 क्यूसेक पानी आवंटित किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हरियाणा की आबादी तीन करोड़ है और अनुमानों के अनुसार 1700 क्यूसेक पानी लोगों की पीने के पानी की जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंजाब से अपनी वास्तविक जरूरत से 2.5 गुना अधिक पानी मांगा है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद पंजाब द्वारा अप्रैल महीने से यह पानी दिया जा रहा है और कुछ दिन पहले हरियाणा ने अनुरोध किया था कि यह पानी उनके लिए पर्याप्त नहीं है और उन्हें प्रतिदिन 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की जरूरत है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह पानी सिंचाई के लिए मांगा जा रहा है और यह समस्या इसलिए पैदा हुई क्योंकि हरियाणा ने अपने हिस्से के पानी का उचित उपयोग नहीं किया।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब पहले ही कृषि के लिए पानी की कमी से जूझ रहा है क्योंकि राज्य भर में भूजल स्तर गिर रहा है। उन्होंने कहा कि डैमों में पानी का स्तर अब तक का सबसे कम दर्ज किया गया है और पौंग डैम, भाखड़ा डैम और रणजीत सागर डैम में पानी का स्तर पिछले साल की तुलना में क्रमशः 32 फीट, 12 फीट और 14 फीट कम है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पानी की एक-एक बूंद पंजाब के लिए कीमती है और किसी अन्य राज्य को पानी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा और केंद्र सरकार पंजाब को दबाने की कोशिश कर रही हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बी.बी.एम.बी. द्वारा पंजाब के पानी के हिस्से पर डाका डालने के लिए हर दिन नए प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार बी.बी.एम.बी. की बैठक बुलाने के लिए एक सप्ताह का अग्रिम नोटिस देना अनिवार्य है, लेकिन हरियाणा को पानी देने की जल्दबाजी में तीन घंटे में बैठक बुलाई गई, जिसके बाद हरियाणा को पानी छोड़ दिया गया। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि पंजाब सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी पंजाब के पानी पर डाका डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

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