होमबड़ी ख़बरेंविडियो
logo

बहुत हो गया अब, किसानों छोड़ दें धान की फसल, लुट रहा है पंजाब

Featured Image

admin

Updated At 31 Mar 2023 at 12:22 AM

-- भगवंत मान का किसानों को कृषि में बेमिसाल तबदीली का न्योता 

-- कपास, बासमती और मूँग की दाल जैसी वैकल्पिक फसलें अपनाने की अपील 

दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़l
अब बहुत हो चूका है किसानों को पंजाब को बचाने के लिए धान की फसल का विकल्प ढूढने की जरूरत है क्योंकि धान की फसल से पंजाब का पानी लुट रहा है, जबकि कपास, बासमती और मूँग की दाल जैसी वैकल्पिक फसलें अपनाकर कृषि में बेमिसाल तबदीली लायी जा सकती है l
पंजाब के लिए फ़सलीय विविधता को अहम ज़रूरत बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को यह न्योता दिया। 

राज्य के किसानों को वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की जऱखेज़ ज़मीन पर कई फसलें उगाई जाती थीं, परन्तु धीरे-धीरे किसान धान तक सीमित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसका राज्य की आर्थिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि इसके लिए बिजली और पानी का बहुत अधिक प्रयोग करना पड़ता है, जिससे पंजाब के कई इलाके डार्क ज़ोन में आ चुके हैं। इसके साथ-साथ पराली जलाने और अन्य समस्याएँ भी पैदा होती हैं। भगवंत मान ने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए वैकल्पिक फसलें अपनाने की ज़रूरत है, जिसके लिए राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व अधीन एक समिति बनाई गई है, जो वैकल्पिक फसलों के बारे में सुझाव देगी। 

पहली अप्रैल से कपास की फ़सल के लिए नहरी पानी मुहैया करने की गारंटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए राज्य सरकार पहली अप्रैल से कपास की फ़सल के लिए नहरी पानी मुहैया करने की गारंटी देने के साथ-साथ पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू.) से प्रमाणित कपास के बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देगी। इसके साथ-साथ कपास की फ़सल पर बीमा और बासमती पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) दी जाएगी। धान के कारण पेश कई समस्याओं पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि कपास और कपास की कृषि अधीन क्षेत्रफल बढ़ाकर इस समस्या को जड़ को ख़त्म किया जा सकता है, जिसके लिए सरकार ने कपास के लिए पहली अप्रैल से नहरी पानी मुहैया करने का फ़ैसला किया है। 

नहरी पानी की चोरी रोकने के लिए होंगे पुलिस बल तैनात

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिप्टी कमिश्नरों और सीनियर कप्तान पुलिस को नहरी पानी की चोरी रोकने के लिए पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया गया है, जिससे टेलों पर पड़ते किसानों को लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि अपनी तरह की पहली ‘किसान-सरकार मिलनी’ के दौरान प्रभावशाली किसानों द्वारा पानी चोरी करने का मुद्दा उठा था, जिसके लिए राज्य सरकार ने इसके साथ सख़्ती से निपटने का फ़ैसला किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे अच्छी गुणवत्ता वाली कपास की फसल पैदा होगी। उन्होंने किसानों को नकली बीजों का प्रयोग न करने के लिए प्रेरित किया। 

फ़सलीय विविधता के लिए उठाए जा रहे अन्य कदमों संबंधी बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा सर्टिफाइड कपास बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देने का ऐलान किया, जिससे अच्छी पैदावार वाले बीज किसानों के लिए कम कीमतों पर उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि सफ़ेद मक्खी और गुलाबी सूंडी के हमले का मुकाबला करने के लिए भी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। भगवंत मान ने ज़ोर देकर कहा कि इन समस्याओं के ख़ात्मे के लिए नए कीटनाशकों की व्यापक खोज का फ़ैसला लिया गया है। 

कपास की फ़सल के नुकसान की पूर्ति के लिए बीमा योजना पर विचार

सभी प्राकृतिक आपदाओं से किसानों के हितों की रक्षा की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि कपास की फ़सल के नुकसान की पूर्ति के लिए राज्य सरकार बीमा योजना पर विचार कर रही है, जिससे किसानों को इस सम्बन्धी किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। उन्होंने आगे कहा कि बासमती को भी फ़सलीय विविधता के लिए वैकल्पिक फ़सल के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्होंने बासमती पर एम.एस.पी. देने का भी आश्वासन दिया। भगवंत मान ने कहा कि एम.एस.पी. पर बासमती की खऱीद के लिए मार्कफैड नोडल एजेंसी होगी और किसानों के हितों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी। 

यह भी पढ़े :Bhagwant Mann की जत्थेदार से अपील, हंसते बसते पंजाब को ना भड़काओ

किसानों को जागरूक करने के लिए होगा लैबोरेटरियों का निर्माण

मुख्यमंत्री ने कहा कि बासमती पर कीटनाशकों के छिडक़ाव की मात्रा तय करने के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए लैबोरेटरियों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे बासमती की फ़सल कीटनाशक अवशेष सम्बन्धी यूरोपीय मुल्कों के निर्यात मापदण्डों पर खरी उतरे। उन्होंने धान की पी.आर. 126 और ऐसी अन्य किस्मों की कृषि की सिफ़ारिश करते हुए कहा कि पी.ए.यू. द्वारा प्रमाणित किस्मों को प्रोत्साहित करने और पूसा 44 जैसी पकने के लिए अधिक समय और ज़्यादा पानी लेने वाली किस्मों की खेती से किसानों को रोकने के लिए कोशिशें हो रही हैं।

भगवंत मान ने यह भी कहा कि मूँग की दाल पर एम.एस.पी. जारी रहेगी, परन्तु हालिया खोजों में पता चला है कि मूँग की दाल की फ़सल पर पैदा होने वाली सफ़ेद मक्खी कपास पर तबदील हो जाती है, जिस कारण मानसा, बठिंडा, मुक्तसर साहिब और फाजि़ल्का जि़लों के किसानों को मूँग की दाल की कृषि न करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान भगवंत मान ने कहा कि ऐसे खतरों से किसानों को अवगत करवाने के लिए 2500 किसान मित्र और पी.ए.यू. के 100 कृषि विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे।

पलपल की खबरों पर अपडेट के लिए पेज को सब्सक्राईब करें व FACEBOOK और TWITER को फॉलो करें l

Follow us on

Advertisement

image

जरूर पढ़ें

Featured Image

सांझ : क्या आशु ने खुद को भिजवाया था विजिलेंस का समन ?

Featured Image

Tree Plantation : विभाग के द्वारा तकरीबन 60 लाख पौधे लगाए जाएंगे: कटारूचक

Featured Image

Youtube Influencer : Pak ISI को सूचना लीक करने पर किया गिरफ्तार

Featured Image

Safe Punjab Chatbot : पुलिस द्वारा राज्य से नशों के संपूर्ण खात्मे के लिए रोडमैप तैयार

Featured Image

Operation Sindoor : भाजपा का विरोध करने वालों को राष्ट्र विरोधी ठहराया जा रहा है: CM

Featured Image

Punjab Cabinet : अनुसूचित जाति भाईचारे के परिवारों को बड़ी राहत

Featured Image

Operation Sindoor : पाकिस्तान-आईएसआई को संवेदनशील जानकारी लीक करने के दोष गिरफ़्तार

Featured Image

कटाक्ष : वन नेशन वन हसबैंड चल रहा है क्या : भगवंत मान

Featured Image

Centre of Higher Education : पंजाब बनेगा भारत के लिए शिक्षा का केंद्र: बैंस

Featured Image

Haryana : पुलिस क्यों नहीं तोड़ पा रही हरियाणा में नशा तस्करों का नेटवर्क: कुमारी सैलजा

Advertisement