दिखे यह संकेत तो हो सकती है गंभीर बीमारी
admin
Updated At 09 Apr 2024 at 03:55 AM
HIV Symptoms in Hindi: संक्रमण वाली बीमारियों का दर आजकल लोगों में बढ़ता जा रहा है। उन्हीं में से एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है एचआईवी एड्स। इस बीमारी का नाम सुनते ही लोगों के मन में अजीब अजीब से ख्याल और डर आने लग जाता हैं। क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है जिसे ठीक करना बहुत ज्यादा मुश्किल है। एचआईवी एड्स एक तरह का वायरस होता है, जो कि व्यक्ति के शरीर की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचाता है।
यह हमारे शरीर पर तब ज्यादा असर करता है, जब हमारा इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। क्योंकि उस वक्त हमारा शरीर बाहरी आक्रमण कर रही बीमारियों से अच्छी तरीके से लड़ नहीं पाता है। इस बीमारी से लोग इतना ज्यादा इसलिए डरते हैं, क्योंकि यह व्यक्ति की जान तक पर खतरा बना देता है। इसलिए यदि कोई भी व्यक्ति एचआईवी एड्स से ग्रसित है तो उसे इसका प्रभाव सारी उम्र झेलना पड़ता है। क्योंकि इसका कोई भी पुख्ता इलाज आज तक नहीं मिल पाया है और इसके लक्षण भी बहुत देर से पता चलते हैं और तब तक यह बीमारी काफी हद तक बढ़ जाती है।
इसे नियंत्रण में करने के लिए चिकित्सा विज्ञान ने बहुत सी दवाइयां का इजाद किया है, परंतु वह भी एक हद तक ही इस बीमारी को रोक सकती हैं। जब यह संक्रमित बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है तो यह एचआईवी एड्स की समस्या बन जाती है। जिससे निजात पाना व्यक्ति के लिए बिल्कुल ही असंभव होता है और इससे व्यक्ति के लंबे जीवन जीने के आसार भी काफी कम हो जाते हैं। आज इस आर्टिकल में हम एचआईवी एड्स के कुछ लक्षणलक्षण, कारण और इलाज के बारे में बताने की कोशिश करेंगे। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें।
HIV Symptoms in Hindi: एचआईवी के लक्षण
जब भी कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित होता है तो उसके शरीर में बहुत से महीनों और सालों तक इसके लक्षणों का पता नहीं चल पाता है। परंतु यह माना जाता है कि 80% तक के लोगों में एचआईवी की स्थिति में फ्लू के जैसे लक्षण ही दिखते हैं। जिसका अगर जल्दी पता चल जाए तो इलाज करवाना चाहिए, वरना यह काफी गंभीर हो सकते हैं। इनमें से कुछ लक्षण यह हैं:
- थकावट
- लूज मोशन
- वजन का अचानक कम हो जाना
- शरीर में कमजोरी आ जाना
- मांसपेशियों में दर्द
- घुटनों में दर्द
- गले में खराश
- ग्रंथियों का बढ़ना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- ठंड लगना
- सूखी खांसी
- शरीर के तापमान का बढ़ना
- चेहरे पर लाल रंग के दाग पड़ जाना
यह लक्षण केवल शुरुआती दर के लक्षण होते हैं। परंतु आगे जैसे-जैसे बीमारी गंभीर होती जाती है, वैसे ही इसके लक्षण भी काफी गंभीर हो जाते हैं। यह बात ध्यान देने योग्य है कि यह किसी अन्य बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए यदि किसी भी व्यक्ति को ऐसे कोई भी संकेत दिखते हैं तो उन्हें अपने डॉक्टर से जरूर इसकी जांच करवानी चाहिए ताकि उन्हें पता लग सके यह नॉर्मल फ्लू है या कोई एचआईवी का संक्रमण। अध्ययन के अनुसार पाया जाता है कि 10 साल तक इस बीमारी के लक्षणों का पता नहीं लगता।
एचआईवी के कारण
बच्चे का जन्म
यदि कोई महिला पहले से ही एचआईवी की बीमारी से संक्रमित है और वह गर्भवती होती है तो उसके आगे होने वाली संतान को भी एचआईवी की बीमारी होने की संभावना पूरी बढ़ जाती है। इसलिए जब वह गर्भवती होती है तो उसे इस बात की जांच करवानी चाहिए कि उसे कोई संक्रमण वाली बीमारी तो नहीं है और अगर है तो सही समय पर उसका इलाज शुरू कर देना चाहिए। HIV Symptoms in Hindi
असुरक्षित यौन संबंध
अध्ययन के अनुसार पाया जाता है की सबसे ज्यादा एचआईवी का संक्रमण यौन संबंधों से फैलता है। यदि यौन संबंध बनाने वाले दोनों महिला या पुरुष में से से कोई एक भी व्यक्ति एचआईवी की समस्या से पीड़ित है तो उस वक्त इस खतरे का दूसरे व्यक्ति के शरीर में दाखिल होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। और यौन संबंध से संक्रमित हुई बीमारी का इलाज ढूंढना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है। इसलिए हमेशा यौन संबंध बनाते वक्त सुरक्षा का इस्तेमाल करना चाहिए। HIV Symptoms in Hindi
इनफेक्टेड चीज का इस्तेमाल करना
एचआईवी एड्स के होने का एक अन्य बड़ा कारण यह है कि यदि कोई व्यक्ति एक संक्रमित हुए व्यक्ति की कोई भी चीज का इस्तेमाल करता है तो उसे भी यह समस्या होने के चांसेस काफी बढ़ जाते हैं। क्योंकि संक्रमित हुए व्यक्ति के द्वारा प्रयोग की गई एक सुई तक स्वास्थ्य वर्धक व्यक्ति के लिए जानलेवा बन सकती है। इसलिए अस्पताल और टैटू आर्टिस्ट जहां पर सुई आदि का इस्तेमाल होता है को अक्सर हर एक व्यक्ति के लिए नई नीडल का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है ताकि किसी इंफेक्टेड व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को कोई भी तरह का संक्रमण न हो। HIV Symptoms in Hindi
एचआईवी का इलाज
मिली जानकारी के अनुसार तो एचआईवी एड्स का कोई भी पुख्ता इलाज नहीं है। परंतु इसे कुछ मेडिकेशंस और सावधानियां के द्वारा नियंत्रण में किया जा सकता है उसमें से कुछ हैं:
- यौन संबंध बनाते वक्त कंडोम का इस्तेमाल करना
- समय-समय पर इसकी संकेत देखकर डॉक्टर से जांच करवाना
- पौष्टिक खाने का सेवन करना
- किसी भी संक्रमित हुए व्यक्ति के पास न जाना और उसकी चीजों का इस्तेमाल न करना
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां का रोजाना सेवन करना
इस आर्टिकल में जानकारी सामान्य रूप से दी गई है। इसलिए इस पर अमल करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर सलाह ले। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी बात भी कोई पुष्टि नहीं करता है।
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