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शरीर में दिखते है यह लक्षण तो हो सकते हो विकलांग

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admin

Updated At 10 Apr 2024 at 01:14 AM

Locomotor Disability in Hindi: अध्ययन के अनुसार विकलांगता किसी भी व्यक्ति के शरीर में हो सकती है और यह शरीर के किसी भी अंग पर असर कर सकती है। उन्हीं में से एक विकलांगता ऐसी है जिसमें व्यक्ति के पैर सही ढंग से कार्य नहीं करते जिससे व्यक्ति सही ढंग से चल नहीं पाता। इस विकलांगता को चलन संबंधी विकलांगता कहते हैं। बहुत से लोग इसे अंग्रेजी में लोकोमोटर डिसेबिलिटी के नाम से भी जानते हैं।

यह कैसी असमर्थता होती है जिसमें व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह जाने में काफी तरह की परेशानियों का सामना करता है, क्योंकि उसके शरीर के अंग इस विकलांगता के कारण सही तरीके से विकास ही नहीं किए होते। इसमें व्यक्ति को खास तौर पर पैरों से जुड़ी समस्याएं, चलने फिरने में दिक्कत, हाथों में विकार, चीजों को पकड़ने में परेशानी आदि का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा मांसपेशियों का गलत जोड़ या किसी अंग का ना होना भी लोकोमोटर डिसेबिलिटी में ही शामिल किया जाता है।

इस विकलांगता के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं जिसमें खास तौर पर अनुवांशिकता और पोलियो को गिना जाता है। जब कोई व्यक्ति पोलियो से पीड़ित होता है तो उसके शरीर कि किसी अंग में विकलांगता आने की संभावना काफी बढ़ जाती हैं। जिस कारण से उसे चलने के लिए बैसाखियों और व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है। क्योंकि इस अवस्था में व्यक्ति की शरीर के सभी अंगों में बहुत ज्यादा कमजोरी आ जाती हैं जिसके कारण वह अपने कार्य करने की समर्थता खो देते हैं।

यदि वह उन अंगो का प्रयोग करते भी हैं तो उनके उस अंग पर और ज्यादा अधिक प्रभाव और खतरा बनने के चांसेस बढ़ जाते है। इसके और भी बहुत से कारण हो सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम लोकोमोटिव डिसेबिलिटी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बताने की कोशिश करेंगे। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें। Locomotor Disability in Hindi

Locomotor Disability in Hindi: लोकोमोटर डिसेबिलिटी के कारण

इस बीमारी के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं जो इससे पीड़ित व्यक्ति को कोई भी कार्य या गतिविधि करने में असमर्थ बना देते हैं। उन्हीं में से कुछ कारण मुख्य हैं और वो यह है:

  • पोलियो होना
  • गठिया की दिक्कत
  • बहुत छोटा कद होना
  • अनुवांशिकता
  • कोई दुर्घटना या एक्सीडेंट
  • मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
  • हड्डी टूटना या फ्रैक्चर
  • सिर पर चोट लगना
  • रीड की हड्डी पर कोई चोट
  • सेरेब्रल पाल्सी
  • वायरल इनफेकशन

लोकोमोटर डिसेबिलिटी के लक्षण

  • चलने फिरने में दिक्कत आना
  • बाहों और उससे जुड़ी हड्डियों और अन्य अंगों का सही तरीके से काम ना कर पाना
  • दो हड्डियों का आपस में जोड़ होना
  • दिमागी सोचने समझने की शक्ति कम होना
  • बहुत जल्दी चिड़चिड़ापन या गुस्सा आ जाना
  • कुब्ब निकाल कर चलना
  • हाथों का सही तरीके से काम ना कर पाना
  • बार-बार पेशाब आना
  • कांपते हुए चलना
  • चलते-चलते गिर जाना
  • बैठने और उठने में दिक्कत आना
  • किसी भी जगह से सामान उठाकर और रखकर फिर उसे भूल जाना
  • कोई भी शारीरिक गतिविधि करते वक्त शरीर में दर्द होना

लोकोमोटर डिसेबिलिटी का इलाज

हाइजीन और मेंटल स्पोर्ट

अध्ययन के अनुसार पाया जाता है कि यदि लोकोमोटर डिसेबिलिटी की समस्या पहले स्तर पर हो तो इसे थोड़े सावधानियां बरतने से नियंत्रण में किया जा सकता है जैसे कि व्यक्ति अपने साफ सफाई का ध्यान रखें। क्योंकि लोकोमोटर डिसेबिलिटी होने का एक और कारण वायरल इंफेक्शन भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त पीड़ित व्यक्ति के काउंसलिंग करके उसे कौजेनिटल समस्याओं से बचाने में मदद प्राप्त हो सकती है क्योंकि उस वक्त उन्हें मानसिक सपोर्ट देने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। Locomotor Disability in Hindi

मेडिकेशन

लोकोमोटर डिसेबिलिटी को डॉक्टर के द्वारा दवाइयां देकर भी कई तरीकों से नियंत्रण में किया जाता है। परंतु यह यदि कम स्तर की हो तो इस पर कुछ असर देखा जा सकता है लेकिन यदि यह गंभीर रूप धारण कर चुकी हो या काफी हद तक बढ़ चुकी हो तो उसके लिए मेडिकेशन लेना आवश्यक हो जाता है। परंतु कई बार गंभीर होने के कारण यह समस्या दवाइयां के इस्तेमाल से भी नहीं ठीक होती और फिर उस समय व्यक्ति कुछ सावधानियों का इस्तेमाल करके अपने शरीर को लंबे समय तक चलाए रखने के योग्य बना सकता है।

इस डिसेबिलिटी से लड़ने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि उसकी डिसेबिलिटी किस तरह की है। इसलिए इस समस्या की समय-समय पर जांच करवाई जानी आवश्यक होती है। इसी कारण से ही पोलियो ड्रॉप्स की बूंद का कैंपेन हर जगह फ्री में लगाया जाता है ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूकता आ सके और ऐसी बीमारियां और न फैल सके। Locomotor Disability in Hindi

सर्जरी

मिली जानकारी के अनुसार पता चलता है कि सर्जरी भी इसका एक उपाय हो सकती है, क्योंकि जिन व्यक्तियों पर मेडिकेशन या सावधानियों का कोई भी असर नहीं होता उनके लिए सर्जरी ही स्लाहनिये होती है उन्हें दर्द और परेशानियों से मुक्त करने के लिए। परंतु यह ओपरेशन कभी कबार व्यक्ति के शरीर के लिए जानलेवा भी बन सकते हैं। इसलिए व्यक्ति को इसके बारे में काफी सोच समझकर ही कोई फैसला लेना चाहिए। Locomotor Disability in Hindi

इस आर्टिकल में जानकारी सामान्य रूप से दी गई है। इसलिए इस पर अमल करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर सलाह ले। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी बात भी कोई पुष्टि नहीं करता है।

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