पुलिस कर्मियों को नशा तस्करों की संदिग्धता की जांच करने का आदेश

पुलिस (Police) कर्मियों द्वारा नशा तस्करी के केसों की स्टडी करने का निर्णय
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़, 19 जुलाईl
नशा तस्करी से जुड़े मामलों में पुलिस सख्ती के साथ काम कर रही है। हाईकोर्ट ने एसआईटी (Special Investigation Team) की रिपोर्ट के आधार पर इस्तीफा दिलाने के बाद एआईजी (Additional Inspector General) राजजीत सिंह का केस दर्ज कर लिया है, और कई जगहों पर और भी केस दर्ज किए गए हैं। नशा तस्करों को कमर तोड़ने के लिए पुलिस (Police) ने उन्हें हर स्तर पर नुकसान पहुंचाने का कार्यवाही की है। अब पंजाब पुलिस के कर्मचारी और अधिकारी नशा तस्करी से जुड़े केसों की स्टडी करेंगे और तय समय में चालान पेश नहीं करने से जेल से रिहाई पाने वाले आरोपियों की मदद नहीं करेंगे।
पुलिस (Police) ने नशा तस्करी से जुड़े सभी केसों की स्टडी करने का फैसला किया है। इस तथ्यांक का जांच किया जाएगा कि कितने अपराधियों को पुलिस (Police) की लापरवाही के कारण जमानत मिली है और इससे कितनी कमियों की गई है। इसके साथ ही, आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। पुलिस (Police) आईजी हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल ने कहा है कि सरकार नशा तस्करी पर नियंत्रण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी स्तर पर लापरवाहियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेती है और सभी जिलों में पुलिस (Police) अधिकारियों को सक्रियता से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कई मामलों में तय समय में चालान नहीं पेश किए गए हैं।
एक साल में, पुलिस ने 18,000 से अधिक नशा तस्करी के मामले दर्ज किए
पिछले एक साल में, पुलिस ने 18,000 से अधिक नशा तस्करी के मामले दर्ज किए और लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन यह ध्यान में आया कि कुछ मामलों में पुलिस (Police) ने निर्धारित समय सीमा के भीतर चालान पेश नहीं किए हैं। इससे अपराधियों को सीधा लाभ मिला और वे जेल से रिहाई पाए। इसलिए अब पुलिस (Police) ने सभी केसों की स्टडी करने का निर्णय लिया है।
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इस जांच में देखा जाएगा कि केस कब और कहां दर्ज किया गया था, उस समय उस इलाके का एसएचओ, डीएसपी और एसपी कौन थे और चालान पेश करने में किस स्तर पर देरी हुई। साथ ही, इससे किसे फायदा मिला। इस संबंध में सभी डेटा को तैयार किया जाएगा और अपराधियों की मदद करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
नशा तस्करी के संबंध में पुलिस (Police) ने कुर्क की जांच भी की है। अब तक 26.72 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया गया है। इन संपत्तियों की कुल संख्या 66 है। इनमें बरनाला जिले में 2.34 करोड़ रुपये की 13 संपत्तियां, फाजिल्का में 1.72 करोड़ रुपये की 9 संपत्तियां और मालेरकोटला में 1.13 करोड़ रुपये की 6 संपत्तियां हैं जिन्हें कुर्क कर दिया गया है।
इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि पुलिस (Police) सख्ती से नशा तस्करी के मामलों पर काम कर रही है। उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी टीम की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई है और नशा तस्करों को दंडित किया जा रहा है। सरकार नशा तस्करी के खिलाफ नियंत्रण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी स्तर पर लापरवाहियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभी जिलों में पुलिस (Police) अधिकारियों ने कार्रवाई को बढ़ावा दिया है और सक्रियता से काम कर रहे हैं। इसके अलावा, पुलिस (Police) ने कई मामलों में निर्धारित समय सीमा में चालान पेश न करने की कार्रवाई की है।
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