नई दिल्ली, 31 जनवरीBhasha Vibhag Punjab, पंजाबी भाषा के विकास के लिए केवल सैद्धांतिक रूप से ही काम नहीं करता, बल्कि इसकी व्यावहारिकता इससे कहीं अधिक है। इस कड़ी में भाषा विभाग पंजाब, पंजाब से बाहर भी पंजाब, पंजाबी और पंजाबीअत के प्रचार के लिए काम कर रहा है।आज नई दिल्ली के पंजाब भवन में पंजाबी के प्रमुख लेखकों की तस्वीरें लगाई गईं, जिनसे जहां एक ओर पंजाबी लेखकों की विरासत को पंजाब से बाहर विस्तार मिलेगा, वहीं पंजाबी साहित्य के योगदान को भी बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर भाषा विभाग पंजाब के निदेशक स जसवंत सिंह ज़फर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पंजाब भवन का पंजाबी के बड़े लेखकों की तस्वीरों से सजना केवल हमारा सिर ऊँचा नहीं करेगा, बल्कि पंजाबी भाषा की सीमाएँ भी विस्तृत होंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ऐसी और तस्वीरें भी पंजाब भवन में लगाई जाएँगी।आज जिन प्रतिष्ठित लेखकों की तस्वीरें लगाई गईं, उनमें प्रो. पूरन सिंह, नंद लाल नूरपुरी, संत राम उदासी, बलवंत गर्गी, गुरमुख सिंह मुसाफ़िर, सआदत हसन मंटो, नोरा रिचर्ड्स, गुरबख्श सिंह प्रीतलड़ी, बाबू रजब अली, भाई काहन सिंह नाभा, दविंदर सत्यार्थी, धनी राम चात्रिक, डॉ. जगतार, ज्ञानी हीरा सिंह दर्द, गुरदियाल सिंह, गुरशरण सिंह, पंडित श्रद्धा राम फिलोरी शामिल थे।इस अवसर पर उन्होंने पंजाब भवन की डिप्टी रेजिडेंट कमिश्नर श्रीमती आसिता शर्मा के साथ यह वादा किया कि साल के अंत तक 100 पंजाबी दानिश्वरों की तस्वीरें लगाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इस मौके पर श्री आलोक चावला, सहायक निदेशक, भाषा भवन, डॉ. अजीतपाल सिंह, ज़िला भाषा अधिकारी, मोगा, श्री भूपिंदरपाल सिंह, सुपरडेंट, डॉ. संतोख सिंह सुखी, शोध अधिकारी उपस्थित थे।