चंडीगढ़, 10 अप्रैल:समाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक Minister Dr Baljit Kaur ने देहरादून में Government of India के Ministry of Social Justice and Empowerment द्वारा आयोजित National Reflection Camp में पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष दृढ़ता से उठाया गया है।सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय द्वारा आयोजित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन के दौरान डॉ. बलजीत कौर ने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मंच राज्यों को कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में आ रही चुनौतियाँ और नीतिगत रुकावटें साझा करने का महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार वंचित वर्गों के समग्र विकास के लिए पूर्णतः समर्पित और प्रतिबद्ध है।डॉ. बलजीत कौर ने कहा, “पंजाब देश में अनुसूचित जातियों की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है, अतः हमारे लिए यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से इन वर्गों की भलाई सुनिश्चित करें।” उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से चलाई जा रही योजनाएँ और राज्य सरकार की अपनी योजनाएँ प्रभावी ढंग से लागू की जा रही हैं।पंजाब की ओर से चिंतन शिविर में उठाए गए मुख्य मुद्दे:स्कॉलरशिप योजनाओं में सुधार की माँग:डॉ. बलजीत कौर ने स्कॉलरशिप योजनाओं की वर्तमान आय सीमा (₹2.50 लाख) को आज के आर्थिक परिप्रेक्ष्य में अनुचित बताते हुए इसमें वृद्धि की माँग की ताकि अधिक जरूरतमंद विद्यार्थियों को लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2017 से 2020 तक की बकाया केंद्रीय राशि अब तक जारी नहीं की गई है, जिससे विद्यार्थियों और शैक्षणिक संस्थानों को कठिनाई हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से यह राशि तुरंत जारी करने की अपील की।इसके साथ ही उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ बी सी), आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ई बी सी), और डी-नोटिफाइड जनजातियों (डी एन टी) वर्गो के विद्यार्थियों की बढ़ती शैक्षणिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि की माँग की। डॉ. कौर ने ज़ोर दिया कि विद्यार्थियों की वास्तविक कोर्स फीस और ट्यूशन फीस के अंतर को पूरा करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि किसी भी जरूरतमंद विद्यार्थी की पढ़ाई आर्थिक कारणों से बाधित न हो।आदर्श ग्राम योजना के लिए नियमित फंड जारी करने की माँग:डॉ. कौर ने बताया कि पंजाब में एस सी आबादी सबसे अधिक होने के कारण 3,293 गाँव आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चुने गए थे, जिनके लिए 684 करोड़ रुपए की मंज़ूरी मिली थी, पर अब तक केवल 101 करोड़ रुपए ही जारी हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से शेष राशि शीघ्र जारी करने की अपील की ताकि गाँवों के बुनियादी ढाँचे में सुधार लाया जा सके।साथ ही उन्होंने प्रति गाँव अनुदान को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए करने की सिफारिश भी की ताकि विकास कार्यों में गति और गुणवत्ता लाई जा सके।आवास योजना में पारदर्शिता और निगरानी की आवश्यकता:डॉ. बलजीत कौर ने आवास योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना आर्थिक रूप से पिछड़े और एस सी वर्गों के लिए लाभकारी है, लेकिन पंचायत स्तर पर लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी देखी गई है। अतः उन्होंने यह माँग की कि पात्र लाभार्थियों की पहचान और योजना की निगरानी की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय विभाग को सौंपी जाए, ताकि लाभ न्यायपूर्ण तरीके से पहुँच सके।राज्य सरकार की योजनाओं और नवाचारी पहलों पर प्रकाश:यहाँ डॉ. बलजीत कौर ने राज्य सरकार की भलाई योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी हेतु "आशीर्वाद योजना" के अंतर्गत 51,000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। यह सहायता एक परिवार की दो बेटियों तक उपलब्ध है, जिससे इन परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में राज्य सरकार ने अहम कदम उठाया है।उन्होंने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के लाभार्थियों द्वारा लिए गए 70 करोड़ रुपए के ऋण माफ किए हैं, जिससे 5,000 से अधिक लाभार्थियों को बड़ी आर्थिक राहत मिली है और वे अपने जीवन में नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ सकेंगे।इसके अतिरिक्त, डॉ. कौर ने बताया कि पंजाब ऐसा पहला राज्य बना है जिसने विधानसभा की कार्यवाही के प्रसारण हेतु "संकेत भाषा" की शुरुआत की है। यह नवाचारी पहल उन व्यक्तियों के लिए क्रांतिकारी कदम है जो सुन या बोल नहीं सकते, जिससे वे सरकारी नीतियों और योजनाओं को समझकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।डॉ. बलजीत कौर ने राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए “प्रोजेक्ट जीवनजोत” की विशेष सराहना करते हुए बताया कि इस पहल के तहत वर्ष 2024 में अब तक 268 भिखारियों बच्चों को बचाकर उन्हें एक नई ज़िंदगी दी गई है। इनमें से 19 बच्चों को सरकारी बाल गृहों में रखकर उन्हें मुफ्त शिक्षा, पोषक आहार और स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं, जबकि शेष बच्चों को बाल कल्याण समितियों के माध्यम से उनके परिवारों के सुपुर्द किया गया है।शिविर के महत्त्व पर अपनी राय साझा करते हुए डॉ. बलजीत कौर ने कहा, “यह चिंतन शिविर हमें नए विचारों और साझा लक्ष्यों की दिशा में मार्गदर्शन देता है। पंजाब सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है कि हर जरूरतमंद, वंचित और हाशिए पर खड़े व्यक्ति तक भलाई योजनाओं का लाभ पहुँचे।”