Ration distribution में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभाग प्रमुख पहलें: लाल चंद कटारूचक
admin
Updated At 30 Dec 2024 at 10:50 PM
Ration distribution के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों सहित 14420 ई-पॉस किट खरीदी गईं
चंडीगढ़, 30 दिसंबर।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग ने वर्ष 2024 के दौरान विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से कई प्रमुख पहलें शुरू कीं। इस वर्ष के दौरान राशन (Ration distribution) के निर्विघ्न वितरण को सुनिश्चित करने के लिए ई-पॉस मशीनों, आईरिस स्कैनर और वजन मापने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीनों सहित 14420 ई-पॉस किट खरीदी गईं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि ई-पॉस मशीनों और वजन मापने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए 5 वर्षों की अवधि के लिए टेंडर आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब प्रत्येक राशन डिपो को एक ई-पॉस किट प्रदान की गई है और इन डिपो में वजन मापने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगाई गई हैं। Ration distribution
गेहूं और धान खरीद सत्र की सफलता सुनिश्चित की गई
मंत्री ने आगे बताया कि 2016 में डिपो धारकों का मार्जिन मनी 50 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ाकर 90 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी को अप्रैल 2024 से लागू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप इस संबंध में 38.43 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि इस कदम से राज्य के 14400 राशन डिपो धारकों को लाभ मिलेगा।
मंत्री ने कहा कि विभाग ने खरीफ सत्र को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए केंद्रीय पूल के लिए 124.57 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं की खरीद की और 9 लाख किसानों के खातों में 28,340.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसी प्रकार, खरीफ सत्र के दौरान, विभाग ने 172.93 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की और लगभग 8 लाख किसानों के खातों में 40,119.76 करोड़ रुपये का भुगतान किया। उन्होंने आगे बताया कि सितंबर 2024 तक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों को 44,20,826 क्विंटल गेहूं मुफ्त वितरित किया गया। Ration distribution
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाते हुए, लीगल मेट्रोलॉजी विंग ने सही वजन और मात्रा में सामान बेचने के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 18.64 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया है। इसके अतिरिक्त, राज्य में 100% आधार पंजीकरण सुनिश्चित किया गया है और 11 नवंबर, 2024 की यूआईडीएआई की आधार संतृप्ति रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब पूरे देश के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सातवें स्थान पर है।
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